आरक्षण को लेकर कांग्रेस को घेरा, हरियाणा चुनाव से पहले मायावती का बड़ा बयान
September 29, 2024हरियाणा । विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। उससे पहले बहुजन समाज पार्टी यानी BSP प्रमुख मायावती ने राज्य के दलित समाज से खास अपील की है।
उन्होंने चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी और अन्य पार्टियों को वोट नहीं देने की अपील की है। बसपा चीफ मायावती ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर कहा, हरियाणा में हो रहे विधानसभा आम चुनाव के दौरान भी कांग्रेस द्वारा दलितों की लगातार की जा रही उपेक्षा व तिरस्कार से यह साबित है कि पार्टी में जब अभी सब कुछ ठीक नहीं है, गलत है तो आगे क्या होगा? ऐसे में दलित समाज के लोग कांग्रेस व बीजेपी आदि को अपना वोट देकर इसे खराब न करें।
उन्होंने कहा, “वैसे भी हमेशा आरक्षण विरोधी रही कांग्रेस के नेता अब आरक्षण को समय आने पर खत्म करने की बात करते हैं। अतः दलित अपना वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें, क्योंकि यही पार्टी उनके हित व कल्याण की सुरक्षा और संवैधानिक हक दिलाकर उन्हें शासक वर्ग बनाने के लिए लगातार संघर्षरत है।
मायावती ने आगे कहा, “साथ ही, जम्मू-कश्मीर में दलित वर्ग के लोगों को भी वहां कांग्रेस, भाजपा व अन्य किसी भी गठबंधन आदि के मिथ्या वादे व अन्य बहकावे आदि में नहीं आना है, बल्कि इनके दलित विरोधी इतिहास को ध्यान में रखते हुए अपना कीमती वोट एकतरफा तौर पर बीएसपी को ही दें, यही सभी से पुरज़ोर अपील।”
कुमारी शैलजा को लेकर कांग्रेस पर किया था हमला
इससे पहले मायावती ने बसपा सुप्रीमो मायवती ने हरियाणा कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कुमारी शैलजा को नसीहत देते हुए कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला था।
मायावती ने ‘एक्स’ पर लिखा, “देश में अभी तक के हुए राजनीतिक घटनाक्रमों से यह साबित होता है कि खासकर कांग्रेस व अन्य जातिवादी पार्टियों को अपने बुरे दिनों में तो कुछ समय के लिए इनको दलितों को मुख्यमंत्री व संगठन आदि के प्रमुख स्थानों पर रखने की जरूर याद आती है। लेकिन ये पार्टियां, अपने अच्छे दिनों में, फिर इनको अधिकांशतः दरकिनार ही कर देती हैं और इनके स्थान पर फिर उन पदों पर जातिवादी लोगों को ही रखा जाता है, जैसा कि अभी हरियाणा प्रदेश में भी देखने के लिए मिल रहा है।
जबकि ऐसे अपमानित हो रहे दलित नेताओं को अपने मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर से प्रेरणा लेकर इन्हें खुद ही ऐसी पार्टियों से अलग हो जाना चाहिए और अपने समाज को फिर ऐसी पार्टियों से दूर रखने के लिए उन्हें आगे भी आना चाहिए।” उन्होंने दलितों को बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के पदचिन्हों पर चलने की सलाह दी थी।