हिमालय पर्वत श्रृंखला हमारी अमूल्य धरोहर : राष्ट्रपति
November 5, 2022नई दिल्ली ,5 नवंबर । राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने चार नवंबर, 2022 आइजोल में मिजोरम विधानसभा सदस्यों को सम्बोधित किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति विकास के लिये बहुत चुनौतीपूर्ण होती है; लेकिन इसके बावजूद मिजोरम ने सभी मानकों पर तथा विशेषकर मानव विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। चूंकि शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा सुशासन के दो महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं, इसलिये नीति-निर्माताओं और प्रशासकों ने इन दोनों सेक्टरों में सुविधाओं में सुधार करने पर जोर दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे क्षेत्र की क्षमता की पहचान करने में कनेक्टीविटी सबसे बड़ा घटक होती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों और पुलों के विकास से न केवल शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है, बल्कि इसके जरिये आर्थिक अवसर भी सामने आते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि यह नई प्रौद्योगिकी का युग है, जिसका उपयोग कुशलतापूर्वक लोगों की सेवा करने में किया जा रहा है। उन्होंने सलाह दी कि आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाने के साथ, हमें अपनी जड़ों से भी जुड़ा रहना चाहिये।
उन्होंने कहा कि मिजोरम एक जनजाति बहुल राज्य है, इसलिये वह अपने अतीत पर दृष्टिपात करे तथा पूर्व-आधुनिक काल की जो बेहतर शासन पद्धति नजर आये, उसे समकालीन प्रणालियों में शामिल करके पुनर्जीवित करे। राष्ट्रपति ने इस वर्ष मई में सम्पन्न मिजोरम विधानसभा की स्वर्ण जयंती का हवाला देते हुये कहा कि वर्ष बीतने के साथ-साथ इस सदन ने भी बहस करने की प्रणाली विकसित की तथा स्वस्थ चर्चा और आपसी सम्मान की भावना के साथ काम करते हुये लोगों की समस्याओं का समाधान करने का रास्ता निकाला है।
राष्ट्रपति ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि मिजोरम विधानसभा ने एनई-वीए (नेशनल ई-विधानसभा एप्लीकेशन) अपनाकर डिजिटल रूप से कामकाज करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मिजोरम में महिलायें जीवन के हर क्षेत्र में शक्तिसम्पन्न हैं, चाहे वह खेल हो, संस्कृति या व्यापार का क्षेत्र हो। राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक जीवन में और खासतौर से विधायिका के क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ना चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की तुलना में मिजोरम में वनों का दायरा सबसे विशाल है तथा वह असाधारण और समृद्ध जैव-विविधता का आदर्श घर है।
उन्होंने कहा कि हिमालय पर्वत श्रृंखला, उसकी नाजुक पारिस्थितिकी तथा वनस्पति और प्राणीजात हमारी अमूल्य धरोहर हैं; हमें आने वाली पीढ़ियों के लिये उन्हें संरक्षित करना होगा।