कारों में इस्तेमाल हो रहे केमिकल से कैंसर का खतरा, NGT ने मंत्रालयों को भेजा नोटिस
September 19, 2024नई दिल्ली। देशभर में 99% कारों में आग से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल्स को लेकर गंभीर चिंता सामने आई है। इन केमिकल्स के कारण कार सवारों, विशेष रूप से बच्चों, को कैंसर का खतरा हो सकता है। इस मुद्दे को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संज्ञान में लिया है और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय समेत चार प्रमुख विभागों को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
कारों के सीट फोम और तापमान नियंत्रित रखने के उपायों में टीसीआईपीपी, टीडीसीआईपीपी और टीसीईपी केमिकल का उपयोग हो रहा है। एनजीटी को एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इन केमिकल्स के कारण कार सवारों, विशेष रूप से बच्चों को लंबे समय तक एक्सपोजर से कैंसर का खतरा है। एनजीटी ने इस मामले में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड), आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) और अन्य संबंधित विभागों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
सीपीसीबी ने किया जांच से इंकार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने एनजीटी को बताया कि इन केमिकल्स की जांच करने के लिए उनके पास आवश्यक सुविधाएं नहीं हैं। सीपीसीबी ने अपनी 10 सितंबर की रिपोर्ट में कहा कि इस जांच के लिए केवल इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पास आवश्यक संसाधन हैं। एनजीटी ने यह मामला व्यापक जन स्वास्थ्य पर असर को देखते हुए स्वत: संज्ञान में लिया।
आठ सप्ताह में देना होगा जवाब
एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. ए. सेंथिल वेल ने आदेश दिया है कि सभी संबंधित विभागों को आठ सप्ताह के भीतर इस प्रकरण में जवाब देना होगा। नोटिस प्राप्त करने वालों में सड़क परिवहन मंत्रालय के अलावा ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया, नेशनल ऑटोमेटिव टेस्टिंग एंड आरएंडडी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस) के प्रमुख शामिल हैं।
इस मामले की अगली सुनवाई के पहले एनजीटी ने सभी विभागों से विस्तृत जानकारी देने के निर्देश दिए हैं, ताकि इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या का समाधान ढूंढा जा सके।