सूकरों में होने वाली पोर्सिन प्रजनन और श्वसन सिंड्रोम बीमारी के वैक्सीन का पहला ट्रायल सरगुजा में
September 12, 2024अम्बिकापुर । पोर्सिन प्रजनन और श्वसन सिंड्रोम बीमारी के वैक्सीन का ट्रायल शासकीय पिग फ़ार्म सकालो अंबिकापुर में किया जा रहा है। ये एक वायरस जनित संक्रामक बीमारी है जो सूकरों में होती है। इस बीमारी के लक्षण में बुख़ार, भूख़ में कमी, सांस मेले में दिक्कत है। इसके कारण सूकरों में गर्भपात हो जाता है जिसके चलते सूकर पालकों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इस बीमारी को सबसे पहले 1987 में यूनाइटेड स्टेट्स में देखा गया और 1991 में नीदरलैंड में सबसे पहले इस वायरस की पहचान की गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार इस बीमारी के वैक्सीन को आईसीएआर के हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीस लैब भोपाल में बनाया गया है। इसका सबसे पहला फील्ड ट्रायल शासकीय सूकर पालन प्रक्षेत्र सकालो अंबिकापुर में किया जा रहा है। इसके लिए फ़ार्म के अलग अलग उम्र के 50 सूकरों का चयन किया गया है।
इन चयनित सूकरों में टीका लगा कर उसके प्रभाव का अध्ययन किया जाएगा। और फिर पुनः 21 दिन के बाद भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के द्वारा इनको यह टीका लगाया जायेगा। यह पूरा ट्रायल पशु धन विकास विभाग के संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला और उपसंचालक डॉ तनवीर अहमद की मार्गदर्शन में पूरा किया जा रहा है। इण्डियन कौंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चर रिसर्च और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीस लैब भोपाल के द्वारा आयोजित संयुक्त ट्रायल में जिले से डॉ सी के मिश्रा और डॉ अजय अग्रवाल टीम को सहयोग कर रहे हैं।