आर्मी और एयर फोर्स को लॉजिस्टिक्स में विशेषज्ञ बनाएगा गतिशक्ति विश्वविद्यालय
September 10, 2024नई दिल्ली। ‘गतिशक्ति विश्वविद्यालय’ आर्मी और एयर फोर्स से जुड़े सैन्य कर्मियों को लॉजिस्टिक्स में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करेगा। इसके अलावा गतिशक्ति विश्वविद्यालय, लॉजिस्टिक संबंधी शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में भी सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने के लिए काम करेगा। सोमवार को इस संबंध में एयर फोर्स और आर्मी ने गतिशक्ति विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता किया।
दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में वडोदरा स्थित गतिशक्ति विश्वविद्यालय के साथ समझौता किया गया।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह समझौता दोनों सेनाओं को लॉजिस्टिक्स के संबंध में बेहतर विशेषज्ञता हासिल करने में सक्षम बनाएगा। यह समझौता ज्ञापन लॉजिस्टिक्स संचालन के विभिन्न पहलुओं में इन-हाउस विशेषज्ञता का विकास भी सुनिश्चित करेगा। साथ ही राष्ट्रीय विकास योजनाओं, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान-2021 और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति-2022 में प्रभावी ढंग से योगदान देगा।
रक्षा मंत्री ने इस सहयोग को रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी बताया। उन्होंने कहा, “लॉजिस्टिक्स अब केवल सशस्त्र बलों का एक सहायक कार्य नहीं है, बल्कि यह सैन्य अभियानों और राष्ट्रीय सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में उभर रहा है। कुशल लॉजिस्टिक्स प्रणाली सुरक्षा बलों को कम समय में संसाधनों को सही जगह पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जिन परिस्थितियों में हमारी सेनाएं काम करती हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए, हमें सैनिकों, उपकरणों एवं आपूर्ति की निर्बाध आवाजाही की आवश्यकता है। ज्ञान, नवाचार और सहयोग के जरिए हमारी सेनाओं की जरूरतों को पूरा करने की दृष्टि से यह समझौता ज्ञापन बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
राजनाथ सिंह ने कहा, यदि हमें लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में विशेषज्ञता की आवश्यकता है, तो हमें इसका प्रशिक्षण गतिशक्ति विश्वविद्यालय जैसे अपने संसाधनों से हासिल करना चाहिए। यदि हमें उपकरण की जरूरत है, तो हमें इसका निर्माण भारत में ही कराना चाहिए। आत्मनिर्भर बनकर ही एक मजबूत भारत की नींव रखी जा सकती है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि गतिशक्ति विश्वविद्यालय अत्याधुनिक लॉजिस्टिक संबंधी शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ सशस्त्र बलों को सशक्त बनाने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में काम करेगा। इस दौरान सीडीएस, वायुसेना प्रमुख, सेना प्रमुख, रक्षा सचिव, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और गतिशक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति मौजूद रहे।