छत्तीसगढ़ : पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनके भतीजे ने किया अंगदान
August 29, 2024सरगुजा, 29 अगस्त। पूर्व उपमख्यमंत्री टी0एस0 सिंहदेव और उनके भतीजे आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने आज सामाजिक दायित्व को ध्यान रखते हुए अपना अंगदान किया है। रेडक्रॉंस सोसायटी के आजीवन सदस्य आर्यन सिन्हा के माध्यम से उन्होंने अपना अंगदान किया है। इसका प्रमाणपत्र उन्हें प्राप्त हुआ है।
अंगदान को लेकर अपना मकसद समझाते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंगदान समाज के प्रति आवश्यक जवाबदेही है। भारत में अंतिम संस्कार एवं अन्य परंपरओं के कारण समाज में अंगदान के प्रति एक हिचक। लेकिन मृत्यु के उपरांत यदि शरीर के अंग किसी जरुरतमंद के लिये उपलब्ध हो तो यह एक बडा कार्य है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री रहते उन्होंने पाया था कि छत्तीसगढ में अंगदान एवं उनकी उपलब्धता से संबंधित संस्थाये रोटा और सोटा मौजूद नहीं थी। इससे छत्तीसगढ में लिवर, किडनी जैसे अंगों के जरुरतमंद मरीजों के लिये बडी समस्यायें थी। किंतु अपने कार्यकाल में उन्होंने न केवल इन संस्थाओं को छत्तीसगढ में सक्रीय किया, साथ ही साथ छत्तीसगढ में टिश्यू बैंक की भी स्थापना की।
जानिए किन परिस्थितियों अंगदान प्राप्त किया जाता है –
अंगदान के अन्तर्गत किसी व्यक्ति का ब्रेनडेन हो जाने पर मेडिकल बोर्ड द्वारा ऐसा प्रमाणित किये जाने पर उस व्यक्ति का लिवर, किडनी, हृदय, फेफडा, अंतडियां, पैनक्रियाज आदि को विशेष सर्जरी दल के द्वारा सर्जरी कर प्राप्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त हड्डियों, ऑंखों के कोर्निया, हृदय वेसल्स, रक्त वेसल्स आदि उत्तकों को प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि बेनडेड के अतिरिक्त अन्य सामान्य मृत्यु की स्थिति में मृत्यु के 6 घंटे के भीतर ऑंखों के कोर्निया और विभिन्न उत्तकों को ही प्राप्त किया जा सकता है। अंगदान के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि एक ऑख की कोर्निया उत्तक से 2 लोगों को नेत्र ज्योति प्राप्त हो सकती है।
5000 लोगों से अंगदान प्रतिज्ञा प्राप्त कर चुके हैं आर्यन सिन्हा
पूर्व उपमुख्यमंत्री टी0एस0 सिंहदेव एवं आदित्येश्वर शरण सिंहदेव का अंगदान प्रतिज्ञा प्राप्त करने वाले आर्यन सिन्हा अबतक 5000 लोगों से अंगदान की प्रतिज्ञा प्राप्त कर चुके हैं। रेडक्रॉंस सोसायटी के आजीवन सदस्य आर्यन सिन्हा विगत 3 वर्ष से रक्तदान महादान-अंगदान महादान कार्यक्रम चला रहे है। इस क्षेत्र में कार्य करने के मामले में वे पूरे देश मेें वे सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं। अबतक उनसे प्रतिज्ञा प्राप्त 10 व्यक्तियों अंगदान भी प्राप्त हो चुके हैं। इस माह ही अंगदान के उपर राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित कांक्लेव में उन्होंने छत्तीसगढ का प्रतिनिधित्व भी किया था।