कोरबा: पत्रकार युधिष्ठिर राजवाड़े को मिला रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान
August 24, 2024(कोरबा) पत्रकार युधिष्ठिर राजवाड़े को मिला रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान
- लोकसदन एवं प्रगतिशील लेखक संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ सम्मान समारोह
- देश के प्रथम एवं प्रख्यात व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की 101वीं जयंती पर आयोजित हुआ समारोह
- याद किये गए कोरबा के संघर्षशील पत्रकार रहे स्व. श्री रमेश पासवान
कोरबा: कोरबा क्षेत्र के क्रियाशील पत्रकारों में ख्यातिलब्ध पत्रकार एवं दैनिक लोकसदन के संपादक सुरेश रोहरा रचनात्मक एवं सरोकार से जुड़े कार्यों को अमलीजामा पहनाते रहते हैं।
इसी कड़ी में कोरबा के निर्भीक एवं पत्रकार जगत के होनहार व्यक्ति रहे स्व. श्री रमेश पासवान के संघर्षशील जीवन को अपनी कलम से नया आकार दिया और समाज को यह संदेश दिया कि व्यक्ति धन से नहीं बल्कि अपने कर्म से अपनी पहचान बनाता है। स्व. श्री रमेश पासवान भी एक ऐसे पत्रकार थे, जिन्होंने समाचार के प्रति कभी समझौता नहीं किया। निर्भीक और व्यवहार कुशलता के धनी स्व. श्री रमेश पासवान को मरणोपरांत अजर-अमर करने का बीड़ा उठाये सुरेश रोहरा ने तीन साल पहले रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान का शुभारंभ किया और हर साल एक संघर्षशील पत्रकार को यह सम्मान उनके द्वारा दिया जाता है। 2024 का रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान इस बार संघर्षशील पत्रकार एवं दिव्य आकाश के संपादक युधिष्ठिर राजवाड़े को दिया गया। श्री राजवाड़े ने इस अनुग्रह के लिए लोकसदन एवं प्रगतिशील लेखकसंघ के प्रति अपना आभार जताया और कहा कि हालाकि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं, लेकिन आयोजन समिति ने मुझे इस लायक समझा, यह उनका बड़प्पन है। मैं फिर से आयोजन समिति के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करता हूं।
कार्यक्रम के संयोजक सुरेश रोहरा ने कहा कि रमेश पासवान के साथ मैंने कई वर्षों तक काम किया। उनकी मित्रता से मैं आज भी आल्हादित होता हूं, लेकिन उनके निधन से मैं पूरी तरह टूट गया था, लेकिन उनके साथ बिताए पलों ने मुझे हौसला दिया और मेरे मन में सोच आयी कि मैं अपने मित्र के लिए सबसे बेहतर क्या कर सकता हूं। उन्होंने अपनी सोच को साकार किया और तीन वर्ष पूर्व रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान प्रारंभ किया। आज तीसरे वर्ष हम एक ऐसे व्यक्ति को रमेश पासवान पत्रकारिता सम्मान से नवाज रहे हैं जिन्होंने रमेश पासवान की सोच को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। मैं युधिष्ठिर राजवाड़े को बधाई देता हूं और अपेक्षा करता हूं कि अंतिम व्यक्ति के उत्थान की सोच को आगे बढ़ाते हुए अपनी पत्रकारिता को आगे बढ़ाए।
कार्यक्रम की गरीमा बढ़ाने वाले विद्वतजनों किशोर शर्मा, विकास जोशी, शिवशंकर अग्रवाल, सनंददास दीवान, साहित्यकार वीणा मिस्त्री, बनाफर, पत्रकार अरविंद पांडेय, कमल सरविद्या, दिलीप अग्रवाल, श्री श्रीवास, श्री दीवान सहित उपस्थित साहित्यकारों का आभार जताया। कार्यक्रम के अंत में सचिव अरविंद पांडेय ने सभी का आभार जताया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की अद्वितीय प्रतिमा के श्रीचरणों में पुष्प अर्पित और सद्ज्ञान की कामना के साथ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती आरती के साथ हुआ। इस अवसर पर कवियत्री वीणा मिस्त्री ने सुमधुर वाणी से मां सरस्वती की आरती गायी। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में उपस्थित साहित्यकारों ने साहित्य विधा को आगे बढ़ाया और श्रोतागणों ने घंटों तक इसका रसपान किया।