कोरबा: सुराकछार मेन माइंस एसईसीएल रोड कांटाघर नंबर 3 का सुरक्षा गार्ड ही निकला घटना का मास्टरमाइंड
August 20, 2024(कोरबा) सुराकछार मेन माइंस एसईसीएल रोड कांटाघर नंबर 3 का सुरक्षा गार्ड ही निकला घटना का मास्टरमाइंड
- सुरक्षा गार्ड ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर करवाया था कांटाघर में चोरी
- सुरक्षा गार्ड समेत चार अन्य कथित आरोपियों को पकड़ा पुलिस ने
- पकड़े गए कथित आरोपियों के कब्जे से कांटाघर में हुई चोरी किए गए सामग्री को किया गया बरामद
कोरबा: कोरबा जिलान्तर्गत प्रार्थी ने लिखित आवेदन पत्र पेश कर प्रथम सूचना दर्ज कराया कि 12-13 अगस्त के दरम्यानी रात सुराकछार मेन माइस एसईसीएल रोड कांटाघर नंबर 3 की चौकीदार सुरक्षा में तैनात था। तब रात्रि 02:30 बजे लगभग 03-04 की संख्या में अज्ञात चोर आकर सुरक्षाकर्मी को बंधक बनाकर कांटाघर में लगे बैटरी, कम्प्यूटर सिस्टम, सीसीटीवी का एनवीआर को चोरी कर एवं प्रार्थी के मोबाईल को चोरी कर ले गये, साथ ही अन्य संपत्ति को क्षतिग्रस्त कर दिये।
प्रार्थी की रिपोर्ट पर अपराध क्र. 130/2024 धारा 127 (2).331(6), 324(6), 309(4), 309 (6), 3(5) बीएनएस अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराकर कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी से उचित दिशा-निर्देश प्राप्त कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यु.बी.एस. चौहान के मार्गदर्शन में नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रविंद्र कुमार मीना के नेतृत्व में कायमी पश्चात विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान घटनास्थल निरीक्षण, घटनास्थल से आरोपियों द्वारा प्रार्थी को बांधने में उपयोग साडी रस्सी को जप्त किया गया।
प्रकरण सदर में प्रार्थी के चोरी हुए मोबाईल को एक कथित आरोपी से बरामद किया। कथित आरोपी को तलब कर पूछताछ करने पर अपराध का घटित करना स्वीकार करते हुए घटना वृतांत बताया। मेमोरण्डम कथन के आधार पर अन्य दो को तलब कर पूछताछ किया गया। जिसमे उन्होने बताया की अपने अन्य साथियों के साथ इस प्रकरण के प्रार्थी एसईसीएल सुरक्षा गार्ड के साथ मिलकर रचे गये अपराधिक षड्यंत्र घटना दृश्य निर्मित कर अपराध घटित कर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध एफआईआर कराने की परिकल्पना के आधार पर 12 अगस्त को योजनाबद्ध तरीके से घटनास्थल पहुंचे तथा कथित आरोपी के द्वारा कोई आने पर सूचित करने के लिए चौकीदारी कर आदमी देखना बताये, घटनास्थल पहुंचकर पूर्व योजना अनुसार कथित आरोपी के द्वारा मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए अपने फुल पैन्ट को आरोपी के द्वारा अपने घर से लाये सब्जी काटने वाले चाकू से काटकर साक्ष्य गढ़ा गया। उसके पश्चात खुद को आरोपी चौकीदार ने लोहे के खंभा पोल में अपने साथ लाये रस्सी से बंधवा लिया तथा घटना को अमलीजामा पहनाने मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए हेक्सा ब्लेड से हल्की चोंट अपने माथा में दूसरे कथित आरोपी से लगवा लिया तथा बांये पैर में चोट पहुंचवा लिया। तत्पश्चात रोड कांटाघर की चाबी जिसे अपने पाकिट में रखा था जिसे निकालकर अपने साथी आरोपियों को देकर अंदर योजनाबद्ध तरीके से कांटाघर अंदर भेज दिया जहां से बैटरी, डीवीआर, कम्प्यूटर सेट को चोरी करवा दिया। तत्पश्चात बुलाकर अपने पाकिट में रखे अपने मोबाईल को भी दे दिया। आरोपी प्रार्थी पुरेन्द्र के पेश करने पर उसका ईलाज पर्ची एवं निर्मित साक्ष्य कटे हुए पैन्ट को जप्त किया गया।
प्रकरण में कथित आरोपी की निशादेही पर कथित आरोपी चौकीदार के मोबाईल में लगे सिम जिसे साक्ष्य छिपाने के लिए निकालकर अपने घर के आईना के पास रखा था जिसे जप्त किया गया। उसके पश्चात उसके निशादेही पर बैटरी, सीपीयू खरीददार के कब्जे से 06 नग बैटरी एवं 01 नग सीपीयू जप्त कर कब्जा पुलिस लिया गया। पुलिस की विवेचना पर उपलब्ध साक्ष्य मेमोरण्डम कथन के आधार पर पाया गया कि इस प्रकरण में प्रार्थी के द्वारा अपने अन्य साथी के द्वारा झूठी साक्ष्य गढ़कर अपराध घटित कर अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध अपराध दर्ज कराने की योजना अनुसार 12-13 अगस्त की दरम्यानी रात मिथ्या साक्ष्य पैन्ट को चाकू से काटना, शरीर को चोंट पहुंचाना, खम्भा में बंधक बनाकर गढ़कर कार्य करते हुए एसईसीएल की संपत्ति कांटाघर में गृह अतिचार कर पूर्व योजना अनुसार सुरक्षा में लगे सेवक एवं उनके साथी आरोपियों के द्वारा संपत्ति अभिरक्षा में रखने के स्थान में प्रवेश कर चोरी किये तथा अन्य व्यक्ति को क्षति करने फंसाने की आशय से मिथ्या आरोप लगाते हुए पुलिस को मिथ्या ईत्तला देकर मोबाईल के सिम को निकालकर साक्ष्य छिपाते हुए चोरी की गई। संपत्ति को बेचना, गिरवी रख देना प्रमाणित पाया गया जो प्रकरण के प्रार्थी एवं उनके सहआरोपियों का कृत्य धारा 61 (ख), 229 (2), 331(4), 306, 305, 217, 248, 238 बीएनएस का होना पाये जाने से प्रार्थी कथित आरोपी एवं उनके साथियों के विरूद्ध जोड़ी गई तथा दूसरे कथित आरोपी के द्वारा चुराई हुई संपत्ति को खरीदना पाये जाने से धारा 317 बीएनएस जोड़ी गई।
उक्त मामले में आरोपियों द्वारा जुर्म स्वीकार करने एवं सबूत पाये जाने से को धारा 317 बीएनएस में गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। प्रकरण के 03 अन्य आरोपी अभी फरार बताये जा रहे है जिनकी पतासाजी जारी है।