साइबर फ्रॉड के मामलों को लेकर रेंज के आईजी गर्ग ने जारी की एडवाइजरी
July 20, 2024भिलाई । ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। साइबर ठग फर्जी कॉल और सोशल मीडिया संदेशों के माध्यम से लोगों को अधिक लाभ का लालच देकर ठगी कर रहे हैं। इन घटनाओं से बचने के लिए सावधानी बरतना आवश्यक है। शहर में बढ़ते स्टॉक एक्सचेंज फ्रॉड से बचाव के संबंध में दुर्ग रेंज के आईजी रामगोपाल गर्ग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। साइबर प्रहरी पहल से जागरुकता का प्रयासदुर्ग रेंज के आईजी राम गोपाल गर्ग के नेतृत्व में साइबर प्रहरी नामक एक पहल शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को साइबर ठगी से बचाना है।
साइबर प्रहरी के माध्यम से पुलिस लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा और साइबर अपराध से बचने के उपायों की जानकारी लगातार देती है। आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा है कि ऑनलाइन निवेश या किसी भी प्रकार की वित्तीय लेन-देन करते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि अपने और अपने परिवार को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षित रखें और इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए पुलिस द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करें। फेक स्टॉक ट्रेडिंग विज्ञापन की पहचान कैसे करें सावधानी बरतने के उपाय बता दें साइबर ठग सोशल मीडिया अकाउंट या फर्जी मोबाइल नंबर से कॉल या व्हाट्सएप या टेलीग्राम मैसेज भेजकर लोगों को शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए प्रेरित करते हैं।
वे कम समय में अधिक लाभ का वादा करते हैं और पीडि़त व्यक्ति ठगों के निर्देशानुसार बड़ी राशि स्थानांतरित कर देता है। बाद में जांच में पता चलता है कि जिस नंबर से कॉल की गई थी, वह फर्जी सिम से इस्तेमाल किया गया था। ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट और ऐप्स बनाकर लोगों को धोखा देते हैं। अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें आईजी दुर्ग द्वारा जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स में कुछ सदस्य शेयर ट्रेडिंग और निवेश के लिए अन्य लोगों को उकसा रहे हैं। किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, ये फर्जी हो सकती हैं और आप फंस सकते हैं। प्रतिदिन समाचार पत्रों और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशनों में कई मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ये लोग आपके निवेश पर घंटों में लाभ दिखाते हैं।
प्रारंभ में आप हजारों में पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन जब निवेश लाखों या करोड़ों में पहुंच जाता है, तो वे और अधिक निवेश की शर्तें रख देते हैं और फिर निकासी की अनुमति नहीं देते। ऐसे कई ग्रुप विदेश से भी संचालित होते हैं। निवेश करने से पहले अपने जागरूक मित्र, पत्रकार, वकील या किसी पुलिस अधिकारी से जरूर चर्चा करें। सावधान रहें और अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखें। साइबर प्रहरी पहल से जागरुकता का प्रयासदुर्ग रेंज के आईजी राम गोपाल गर्ग के नेतृत्व में साइबर प्रहरी नामक एक पहल शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाना और लोगों को साइबर ठगी से बचाना है।
साइबर प्रहरी के माध्यम से पुलिस लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा और साइबर अपराध से बचने के उपायों की जानकारी लगातार देती है। आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा है कि ऑनलाइन निवेश या किसी भी प्रकार की वित्तीय लेन-देन करते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि अपने और अपने परिवार को ऑनलाइन धोखाधड़ी से सुरक्षित रखें और इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए पुलिस द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल करें। फेक स्टॉक ट्रेडिंग विज्ञापन की पहचान कैसे करेेंं। अन्वेरीफाइड प्रोफ़ाइल टिक मार्क नहीं होता। आईपीओ अलॉटमेंट और अत्यधिक रिटर्न का वादा किया जाता है। मशहूर सेलिब्रेटी/प्रभावशाली इनफ्लुएंसर का फर्जी वीडियो से भ्रमित किया जाता है।
टेलीग्राम/व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने का दबाव होता है। सावधानी बरतने के उपाय अज्ञात व्हाट्सएप या टेलीग्राम ग्रुप पर कोई विज्ञापन दिखाई दे तो तुरंत ग्रुप छोड़ दें। किसी भी कंपनी के तुरंत या कम समय में अधिक मुनाफा देने के वादों पर विश्वास न करें। अज्ञात ग्रुप्स पर नेशनल या मुंबई स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े ग्राफ चार्ट पर विश्वास न करें। सेबी में रजिस्ट्रेशन चेक करना पर्याप्त नहीं है, बैंक खाता या यूपीआई आईडी की पूरी जांच करें।
निवेश करते समय केवल सत्यापित ब्रोकर से ही लेन-देन करें और अपने डिमैट खाते को नियमित रूप से जांचते रहें। किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें ताकि रकम को खाते में होल्ड करवाया जा सके।