बिलासपुर: जिला पंचायत स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक पर कमीशन खोरी का गंभीर आरोप
July 12, 2024बिलासपुर। जिला पंचायत स्वच्छ भारत मिशन के समन्वयक पर कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगा है। जिला पंचायत सभापति ने मामले को अब प्रमाण के साथ कलेक्टर के सामने पेश करने का एलान कर है। खबर के बाद जिला पंचायत में खलमली मच गयी है। आपको बता दे कि 20 जून 2024 की सामान्य सभा बैठक में अंकित गौरहा ने एसबीएम समन्वयक पर कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए जिम्मेदारी से हटाने की मांग की थी। समर्थन में जिला पंचायत के कई सदस्यों ने अंकित का साथ दिया था। मामले को किसी तरह संभाला गया। इसके बाद सभापति ने अल्टीमेटम देते हुए एसबीएम समन्वयक को सात दिनों के भीतर हटाने की बात कही। बावजूद इसके समन्वयक को नहीं हटाया गया। अंकित गौरहा ने कहा कि अब पूरे प्रकरण को कलेक्टर के सामने पेश किया जाएगा। सरपंच भी प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करेंगे।
जिला पंचायत सामान्य सभा की पिछळी बैठक 20 जून 2024 को हुई। बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कई प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए अहम मुद्दों को सबके सामने पेश किया। इसी दौरान जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने कमीशनखोरी का गंभीर आरोप लगाते हुए जिला पंचायत समन्वयक को तत्काल हटाए जाने की मांग की। अंकित के सवाल और कमीशनकोरी का सीधा आरोप लगने के बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। जिला पंचायत अध्यक्ष समेत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मामले को संभाला। बैठक में अंकित गौरहा ने एसबीएम समन्वयक पद पर बैठी पूनम तिवारी पर सीधा आरोप लगाया कि बिना कमीशन के कोई काम नहीं करती है। जिसके चलते सरपंचों का भुगतान नहीं किया जा रहा है। गुरूवार को अंकित गौरहा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन भारत सरकार की अहम् योजना है। योजना के तहत प्रतिनिधियों की मांग और शासन के निर्देश पर जिला पंचायत क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय के अलावा निजी शौचालय समेत सरल तरल अवशिष्ट प्रबंधन यानी एसएलडब्लू का काम किया जाता है साथ ही काम के एवज में एजेन्सियों को राशि का भुगतान किया जाता है।
अंकित ने बताया कि जिला पंचायत समनव्यक की मनमानी से जनता और प्रतिनिधि परेशान हैं। बिना कमीशनखोरी के भुगतान नहीं किया जाता है। सभापति ने कहा कि यह जानते हुए भी कि निगम क्षेत्र में कराए गए काम का भुगतान निगम प्रशासन के माध्यम से किया जाता है। लेकिन एसबीएम समन्वयक पूनम तिवारी नियम कानून को ताक पर रखकर सारे भुगतान स्वयं करती है। इस दौरान सरपंचों से खुलेआम कमीशनकोरी की मांग करती है। सामान्य सभा की बैठक में एसबीएम समन्वयक को हटाए जाने को कहा था। इस दौरान यह भी कहा गया कि पंचायत प्रतिनिधियों के आक्रोश को देखते हुए उन्हें हर हालत में हटाया जाए। तत्कालीन समय जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी से स्पष्ट कहा कि यदि सात दिनों के भीतर एसबीएम समन्वयक को नहीं हटाया जाता है। तो मामले को कलेक्टर के सामने ऱखेंगे। सरपंच भी प्रमाण के साथ लिखित शिकायत करेंगे। हमने फैसला किया है कि सरपंचों के सोमवार को कलेक्टर से मुलाकात कर वस्तुस्थिति को सामने रखेंगे। अंकित ने बताया कि साल 2016- 2019 के दौरान जिला पंचायत ने प्रतनिधियों की मांग और शासन के निर्देश पर निगम क्षेत्र बहतराई, खमतराई समेत अन्य पंचायतों में सामुदायिक और निजी शौचालयों का निर्माण किया। कुल 53 लाख का भुगतान किया गया। भुगतान नियमानुसार निगम प्रशासन के माध्यम से किया जाना था। बावजूद इसके समन्वयक ने नियम कानून को ताक पर रखकर भुगतान किया। रूपया तो खत्म हो गया, लेकिन अभी भी कई पंचायतों में शौचालय निर्माण का भुगतान नहीं हो पाया है। कई सरपंचों ने बताया कि बिना कमीशन के भुगतान नहीं किया जाता है। कमीसन नहीं दिए जाने के कारण साल साल दर बीत गए लेकिन अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। मामले में एक सरपंच ने कहा कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो बनाए गए सामुदायिक शौचालयों में ताला जड़ देगा। लेकिन इसके पहले कलेक्टर के सामने शिकायत दर्ज कराएंगे। सरपंच के अनुसार उसके पास कमीशनकोरी की लिखित जानकारी है। कई जगह तो ऐसा भी हुआ है कि शौचालय का निर्माण नहीं हुआ..लेकिन भुगतान कर दिया गया है।