केजरीवाल मामले में High Court ने CBI को भेजा नोटिस, अगली सुनवाई 17 को

केजरीवाल मामले में High Court ने CBI को भेजा नोटिस, अगली सुनवाई 17 को

July 6, 2024 Off By NN Express

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़े एक सीबीआई मामले में जमानत की मांग करने वाली याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीबीआई को एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली तारीख 17 जुलाई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को इस मामले में 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।



दिल्ली सीएम ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 26 जून को सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था। जिसके बाद 29 जून को केजरीवाल को कोर्ट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।



सीबीआई से पहले इसी मामल में ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में लंबी पूछताछ के बाद सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी की भी गिरफ्तारी को भी सीएम केजरीवाल ने कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित है।



क्या है कथित शराब नीति घोटाला?
कोरोना काल के बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ‘दिल्ली आबकारी नीति 2021-22’ लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था।



जांच कैसी शुरू हुई?
सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी।  



ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है।