नए कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने सभी को पहल करनी होगी : DIG अग्रवाल

नए कानून के प्रति लोगों को जागरूक करने सभी को पहल करनी होगी : DIG अग्रवाल

July 2, 2024 Off By NN Express

इंदौर पुलिस ने मालवांचल यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर युवाओं-ग्रामीणों को सिखाया नए कानून का पाठ

इंदौर। देशभर में एक जुलाई से लागू हो रहा नया कानून नागरिकों को न्याय दिलाने के लिए है, इसलिए जरुरी है कि आप सभी इसमें पारंगत हो जाएँ। उससे पहले हमें इसे अच्छे से समझना होगा। इसी उद्देश्य से इंदौर पुलिस और मालवांचल यूनिवर्सिटी इंडेक्स समूह संस्थान में नवीन आपराधिक अधिनियम 2023 के संबंध में सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में इंडेक्स समूह संस्थान के छात्र, ग्रामीण और बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर इंदौर पुलिस डीआईजी निमिष अग्रवाल, एसपी हितिका वासल, डीएसपी उमाकांत चौधरी, एडीपीओ उदल सिंह मौर्या और थाना प्रभारी खुड़ैल दीपक खत्री ने छात्रों और ग्रामीणों को नए कानून की जानकारी दी।

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इस अवसर पर इंडेक्स समूह के चेयरमैन सुरेशसिंह भदौरिया, मालवांचल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजीव नारंग, रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश्वर सिंह जोधाणा, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जीएस पटेल, डायरेक्टर आर एस राणावत और एडिशनल डायरेक्टर आर सी यादव ने सभी पुलिस अधिकारियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। इस अवसर पर खुड़ैल सहित विभिन्न गाँवों के सरपंच और ग्रामीण भी शामिल हुए।

ई-एफआईआर से ऑनलाइन फैसले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल तक की सुविधा

डीआईजी निमिष अग्रवाल ने कहा कि देशभर में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएँगे और ब्रिटिश काल के कानूनों का अंत हो चुका है। स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी औपनिवेशिक काल के कई कानून बोझ की तरह बने हुए हैं। अब भारत की आत्मा और भावना को प्रमुख आपराधिक कानूनों, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता में शामिल कर दिया गया है। नए कानूनों से एक आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी, जिसमें ‘जीरो एफआईआर’, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना, ‘एसएमएस’ (मोबाइल फोन पर संदेश) के जरिए समन भेजने जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम और सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे। ई-एफआईआर से ऑनलाइन फैसले और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल तक की सुविधा भी मिल सकेगी।

उन्होंने कहा कि हम मालवांचल यूनिवर्सिटी और इंडेक्स समूह संस्थान का आभार मानते हैं कि इन्होंने सामाजिक पहल के साथ ग्रामीण और छात्रों को नए कानून के प्रति जागरूक करने के लिए इतने वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया। सभी छात्र, शिक्षक और डॉक्टर्स को उन्होंने डॉक्टर्स डे की बधाई भी दी।

इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से भी होंगी रिपोर्ट दर्ज
एसपी हितिका वासल ने कहा कि आज के युवा वर्ग को अपने देश के नए कानून की जानकारी होना सबसे जरूरी है। कई बार हमें अपना थाना कौन-सा है, इसकी भी जानकारी नहीं होती है। ऐसे समय में, पुलिस और शिक्षण संस्थानों और संगठनों की जिम्मेदारी है कि वे नए कानून के प्रति सभी लोगों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि नए कानूनों के तहत अब एफआईआर दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से थाने तक जाने की जरूरत नहीं होगी। इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन यानी फोन या मैसेज के जरिए भी यह काम हो सकेगा। हमारी जिंदगी में तकनीकी के बढ़ते दखल को देखते हुए इन कानूनों में भी तकनीकी के अधिकतम इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है, इसके साथ ही किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है।

डीएसपी उमाकांत चौधरी ने बताया कि नए कानून की आने के साथ ही प्रक्रिया में बड़े स्तर पर बदलाव होने वाले हैं। ऐसे में, यदि अब किसी व्यक्ति को एफआईआर दर्ज कराना है, तो उसे पुलिस स्टेशन नहीं जाना होगा। साथ ही, तलाशी और जब्ती करने के दौरान वीडियोग्राफी करना होगा। इस नई व्यवस्था के लिए तहत अपराध की तत्काल रिपोर्टिंग और पुलिस को तेजी से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। जीरो एफआईआर के आने के बाद अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस स्टेशन से एफआईआर दर्ज करा सकेगा।