आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी समुदाय भी असुरक्षित : दीपक बैज
July 1, 2024पीसीसी चीफ ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा के दौरान राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने हाल ही में घटित घटनाओं को लेकर भाजपा सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए।
बैज ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में भी आदिवासी समुदाय असुरक्षित है। बस्तर के लोहंडीगुड़ा में रहने वाले 21 वर्षीय मंगल मुराया की नई रायपुर में एक निजी कॉलेज में पढ़ाई करने के दौरान पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। बैज ने कहा, “उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह आदिवासी था और उसने रास्ता पूछने के लिए लिफ्ट मांगी थी। हत्यारों ने उसका एटीएम कार्ड छीनकर पिन मांगा, जो न बताने पर उसे मार डाला गया।”
बैज ने आरोप लगाया कि राज्य में एसपी और कलेक्टर कार्यालयों में आगजनी, मॉब लीचिंग, थानों में चाकूबाजी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। उन्होंने कहा, “सरकार सुशासन का दावा कर रही है, जबकि हकीकत में प्रदेश में कानून व्यवस्था का राज नहीं, बल्कि जंगल राज चल रहा है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के छह महीने के कार्यकाल में प्रदेश में 300 से अधिक बलात्कार, 80 सामूहिक बलात्कार और 200 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। “राजधानी में अपराधी इतने बेखौफ हो चुके हैं कि बिना किसी वाहन के पैदल चल कर चेन खींच कर भाग जाते हैं,” बैज ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि नक्सलवादी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।
महिलाओं के प्रति अपराध
बैज ने आरोप लगाया कि महिलाओं के प्रति अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। “छत्तीसगढ़ में हर दिन तीन से चार मासूम बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। राजधानी के एक होटल में बलात्कार कर हत्या कर दी गई,” उन्होंने कहा।
गृहमंत्री और सरकार की विफलता
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने गृहमंत्री की भी आलोचना करते हुए कहा कि वे अपने गृह जिले में भी कानून व्यवस्था कायम रखने में असमर्थ हैं। “गृहमंत्री का गृह जिला हत्या, लूट और मानव तस्करी का केंद्र बन गया है,” बैज ने कहा।
बैज ने कहा कि पुलिस निष्क्रिय हो गई है और सत्तारूढ़ दल के लोग अपराधियों के पैरोकार बन गए हैं। “पुलिस की पीसीआर वैन तो वसूली वैन बन चुकी है, जो अपराधियों को संरक्षण देती है,” उन्होंने आरोप लगाया।
बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के राज में आम आदमी और आदिवासी असहाय महसूस कर रहे हैं। “मुख्यमंत्री आदिवासी होने के बावजूद आदिवासियों को सुरक्षित नहीं रख पा रहे। आदिवासी समाज अपने को ठगा महसूस कर रहा है,” उन्होंने कहा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सरकार से अपराधों को रोकने और कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।