सिकल सेल के उपचार के साथ ही व्यापक जन जागरूकता अभियान भी जरूरी
October 30, 2022कोरबा 30 अक्टूबर I मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कोरबा सहित प्रदेश के 28 जिलों के जिला अस्पताल और सभी मेडिकल कॉलेजों में सिकल सेल प्रबंधन केंद्रों का वर्चुअल उद्घाटन किया। इन केन्द्रों में सिकलसेल की जांच एवं उपचार के साथ अस्पताल की प्रयोगशाला के माध्यम से साल्यूबिलिटी टेस्ट द्वारा स्क्रीनिंग एवं इलेक्ट्रोफोरेसिस/नवीन विधि पॉइंट ऑफ केयर ( पीओसी ) टेस्ट द्वारा सिकलसेल पुष्टि हेतु जांच की सुविधा मिलेगी। वर्चुअल शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार गंभीर होकर काम कर रही है। बेहतर इलाज के लिए प्रदेश के सभी जिलों में अस्पतालों के भवन,उपकरण व अन्य संसाधन उपलब्ध कराया गया है।
श्री बघेल ने कहा कि सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है। यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती है। इसके प्रसार पर नियंत्रण के लिए उपचार के साथ ही व्यापक रूप से जन जागरूकता भी जरूरी है। क्योकि इसको लेकर व्याप्त भ्रांतियों के चलते लोग इस बीमारी को छिपाते है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विवाह पूर्व भी अगर सिकल सेल बीमारी की जांच करा लिया जाए तो इसके प्रसार पर नियंत्रण हो सकता है। श्री बघेल ने कहा कि सिकलसेल की समस्या का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों एवं सभी जिला चिकित्सालयों में नवीन सिकल सेल प्रबंधन केंद्र की स्थापना की गई है।
जहां आधुनिक मशीन से कुछ मिनट में ही ये पता चल जाएगा की कौन सिकलसेल का वास्तविक मरीज है या कौन संवाहक कैटेगरी में है। आने वाले दिनों में मितानिन भी आसानी से ऐसे मरीजों की पहचान में योगदान कर सकेंगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर डिजिटल हेल्थ कार्ड भी लांच किया। जिसमें मरीज की सभी जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। इस दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंह देव के अलावा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कोरबा के स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध जिला अस्पताल में सिकल सेल प्रबंधन केंद्र के इस वर्चुअल उद्धघाटन कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अविनाश मेश्राम, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ गोपाल कंवर, डॉ. रविकांत जाटवर, जिला अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. एस.व्ही.सिसोदिया, नोडल अधिकारी डॉ. श्री जीएस जात्रा, डीपीएम डॉ अशरफ अंसारी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि राज्य शासन सिकलसेल बीमारी के नियंत्रण के लिए प्राथमिकता व गंभीरता से कार्य कर रही हैं। इसी कड़ी में आज प्रदेश भर के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और जिला अस्पतालों में सिकलसेल प्रबंधन केंद्रों का उद्घाटन किया है। उन्होंने कहा कि इनके लिए जरूरी संसाधन,आधुनिक टेस्ट मशीन के लिए भी टेंडर हुआ है। ये उपकरण जल्द अस्पतालों को उपलब्ध कराये जायेंगे।
जिले में भी सिकलसेल जांच केंद्र शुरु- डॉ अविनाश मेश्राम – कोरबा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरबा जिला अस्पताल में सिकलसेल जांच संस्थान का वर्चुअल शुभारंभ किया है। अस्पताल में जांच प्रक्रिया शुरु हो गई है। कोई मरीज ग्रसित है या संवाहक श्रेणी का है इसका पता लगा सकेंगे। यहां सॉल्यूबिलिटी टेस्ट, इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट व अन्य जांच के साथ ही आवश्यक दवाइयां और सुविधाएं उपलब्ध है।
सिकल सेल के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीयूरिया दवाई उपलब्ध – मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ गोपाल कंवर ने कहा कि अस्पताल में सिकल सेल का उपचार अब ज्यादा बेहतर ढंग से होगा। हमारे यहां इसके इलाज के उपयोग में आने वाली दवा हाइड्रॉक्सीयूरिया, फॉलिक एसिड दवा की पर्याप्त उपलब्धता है।अब ज्यादा जरूरी मरीजों को खोजना है। जिससे समय पर उनकी कॉउंसलिंग और उपचार शुरू हो सके।
अस्पताल में इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध- डॉ जीएस जात्रा – सिकल सेल विभाग के नोडल अधिकारी डॉ जीएस जात्रा ने बताया कि उनके यहां केंद्र में मरीजों का मुफ्त इलाज होगा। अस्पताल में ओपीडी और वार्ड की व्यवस्था की गई है। सभी जांच के साथ ही मरीजो को सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। डॉ जात्रा ने बताया कि जिले में अब तक सिकलसेल के 59 रजिस्टर्ड मरीज हैं। वहीं 3500 संवाहक श्रेणी के मरीज हैं जिनका कॉन्सलिंग व उपचार किया जा रहा है। डॉ जात्रा ने कहा कि जल्द सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जांच व उपचार सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा।