कैट प्रतिनिधिमंडल की वित्त मंत्री से मुलाकात, जीएसटी और ई-वे बिल पर दिए सुझावकैट प्रतिनिधि
June 12, 2024रायपुर । कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जीएसटी से संबंधित नोटिस और ई-वे बिल से संबंधित सुझावों का ज्ञापन सौंपा।
पारवानी-दोशी ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि वर्तमान में जीएसटी विभाग से अधिकांश व्यापारियों को नोटिस मिल रही हैं, जो व्यापार को सुगम बनाने के उद्देश्य के विपरीत है। इसके अलावा, इन नोटिसों के कारण व्यापारी और उनके सलाहकारों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। केंद्रीय जीएसटी द्वारा मात्र 10 से 15 प्रतिशत व्यापारियों को नोटिस दिया जा रहा है, जबकि इनकम टैक्स विभाग के अंतर्गत केवल 5 प्रतिशत व्यापारियों को नोटिस मिल रही है। कैट ने सुझाव दिया कि इनकम टैक्स और केंद्रीय जीएसटी के समान केवल 10 से 15 प्रतिशत व्यापारियों को ही नोटिस दी जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के विभिन्न जिलों में व्यापारियों को जीएसटीआर-1 फॉर्म देर से दाखिल करने पर जुर्माना नोटिस जारी किया गया है। विभाग की इस अचानक की गई कार्यवाही से व्यापारियों में भय का माहौल है और उन्हें आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारिक समुदाय ने हमेशा सरकार को उसके कर संग्रह लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहयोग दिया है और नियमों के पूर्ण अनुपालन के लिए प्रयासरत रहा है। इसलिए, जीएसटी विभाग द्वारा जारी किए गए जुर्माना नोटिस को स्वतः निरस्त किया जाना चाहिए।
ई-वे बिल अधिसूचना पर पुनर्विचार:
कैट ने वित्त मंत्री से आग्रह किया कि पूर्व में 19 जून 2018 को जारी अधिसूचना के तहत राज्य में जिले के भीतर माल परिवहन के लिए ई-वे बिल जारी करना अनिवार्य नहीं था। 15 वस्तुओं को छोड़कर राज्य के भीतर किसी भी वस्तु के परिवहन पर ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं थी। वर्तमान में जारी अधिसूचना क्रमांक 202 के कारण ई-वे बिल की संख्या और अनुपालन से संबंधित जटिलताएँ बढ़ जाएँगी। इसलिए, कैट ने आग्रह किया कि वर्तमान में जारी अधिसूचना पर पुनर्विचार कर पूर्व की अधिसूचना को यथावत रखा जाए।
वित्त मंत्री का सकारात्मक आश्वासन
ओ.पी. चौधरी ने ज्ञापन का ध्यानपूर्वक अवलोकन किया और इस विषय पर कैट प्रतिनिधिमंडल को सकारात्मक आश्वासन दिया कि व्यापारिक हितों का ध्यान रखा जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य
इस मुलाकात के दौरान कैट और युवा के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें जितेन्द्र दोषी, परमानन्द जैन, वासु माखीजा, सुरिन्द्रर सिंह, भरत जैन, राकेश ओचवानी, जयराम कुकरेजा, प्रीतपाल सिंह बग्गा, सीए मुकेष मोटवानी, विक्रांत राठौर, परविन्द्रर सिंह, अमीत गुप्ता और मनीष सोनी शामिल थे।