11 राज्यों में जानलेवा लेप्टोस्पाइरता संक्रमण, केंद्र सरकार ने राज्यों को किया अलर्ट जारी..
June 11, 2024नई दिल्ली । इन्सानों के लिए जानलेवा लेप्टोस्पाइरता संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार ने राज्यों को अलर्ट जारी किया है। सभी राज्यों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अतुल गर्ग ने कहा है कि ज्यादा गर्मी और बारिश दोनों ही तरह का मौसम इस जीवाणु रोग के लिए सबसे अनुकूल है। संक्रमित जानवरों से इन्सानों में पहुंचने वाली इस बीमारी की वजह से किडनी और लिवर को क्षति हो सकती है, जिसकी वजह से मरीज में मृत्यु दर का जोखिम भी कई गुना ज्यादा होता है।
स्वास्थ्य महानिदेशालय के अनुसार, इस संक्रमण से उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल सहित करीब 11 राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। साल 2009 से 2023 के बीच लेप्टोस्पाइरता संक्रमण के मामलों में करीब 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की है। यह जीवाणु जानवरों को अपना शिकार बनाता है। इसलिए पालतू जानवरों के टीकाकरण की सलाह दी जाती है। साथ ही प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य टीमों को चौंकन्ना रखना भी जरूरी है, क्योंकि मरीज की समय पर जांच न होने से यह बीमारी कुछ ही दिन में जान का जोखिम बढ़ा देती है। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अनुसार, लेप्टोस्पाइरता ऐसा संक्रमण है जो लेप्टोस्पाइरा कहे जाने वाले कॉर्कस्क्रू-आकार के बैक्टीरिया से फैलता है। इसे फील्ड फीवर, रैट काउचर्स यलो और प्रटेबियल बुखार भी कहते हैं। संक्रमित जानवरों से या उनके मूत्र से मैले हुए पानी, मिट्टी, या भोजन के सीधे संपर्क में आने से यह रोग हो सकता है। गर्म मौसम वाली जगहों पर यह रोग आम है।
तेज बुखार, सिर दर्द लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, रक्तस्राव, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, लाल आंखें और उल्टी इसके प्रमुख लक्षण हैं, जिनके बारे में अस्पतालों को भी सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए जाएं। राज्यों को लिखे पत्र में कहा गया है कि जिन इलाकों में यह संक्रमण काफी फैला है, वहां का दौरा करते समय स्वास्थ्य टीमें पानी का विशेष ध्यान रखें। यहां पानी या फिर मिट्टी में जीवाणु पाया जा सकता है। इसलिए नहाते या पानी का सेवन करते समय सावधान रहना जरूरी है। राज्यों से कहा है कि स्वास्थ्य के अलावा नगर निकाय, इंजीनियरिंग विभाग के साथ भी संपर्क किया जाए और प्रभावी ड्रेनेज प्रणाली पर कार्य किया जाए।
प्रभावित जिलों को तत्काल योजना बनाने का आदेश
डॉ. अतुल गर्ग ने राज्यों से कहा है कि सभी जिला सर्विलांस यूनिट को सतर्क करने के साथ ही प्रभावित जिलों के लिए तत्काल एक योजना बनाई जाए, जिससे वहां के स्थानीय लोगों, अस्पताल और स्वास्थ्य टीमों को समय पर सूचित किया जा सके। अस्पतालों में जांच किट और उनके रीएजेंट्स को लेकर भी चर्चा की जाए। एंटीबायोटिक दवाओं के जरिये संक्रमित मरीजों का इलाज किया जाता है। ऐसे में दवाओं के पर्याप्त भंडारण की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए। फ्रंटलाइन वर्कर यानी स्वास्थ्य कर्मचारियों का संक्रमण से बचाव बहुत जरूरी है।