जांच के लिए कब्र से निकाले गए तालाब में डूबकर मरने वाली दोनों मासूम बच्चियों के शव
June 2, 20240.तालाब में डूबने से सात से आठ साल की दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई और इसके बाद गांव के लोगों ने मिलकर दोनों बच्चियों का आनन-फानन में बिना पीएम ही अंतिम संस्कार करवा दिया।
उमरिया, 2 जून 2024। कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम अमडी के दुल्हरी गांव में तालाब में डूबने से मरने वाली दोनों बच्चियों के शवों को रविवार को पुलिस ने जांच के लिए कब्र से बाहर निकाल लिया। दोनों की बच्चियों के शवों को बिना पीएम कराए चुपचाप जमीन में दफन कर दिया गया था, इसके बाद अब पुलिस सक्रिय हो गई और दोनों बच्चियों के शव को पीएम के लिए कब्र से बाहर निकाल लिया गया, पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए पीड़ित परिजनों एवम जिम्मेदार पंचायत कर्मियों से पूछताछ की, जिसके बाद दोनों बच्चियों के दफनाए शवों को ज़मीन से बाहर निकलवाए गए। हालांकि रविवार को ही दोनों शवों का पीएम कराने के बाद एक बार फिर उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
यह घटना जिला मुख्यालय से सटे कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम अमड़ी के दुलहरी टोला की है। बताया गया है कि इस गांव में दो बैगा आदिवासी मासूम बेटियों की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। न तो गांव के लोगाें ने घटना की जानकारी पुलिस को दी और न ही परिवार के लोगों ने इस बारे में पुलिस को कुछ बताया।
मरने वाली दोनों बच्चियां स्थानीय बाबू बैगा और रवि बैगा की बेटियां बताई गई है। तालाब में डूबने से सात से आठ साल की दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई और इसके बाद गांव के लोगों ने मिलकर दोनों बच्चियों का आनन-फानन में बिना पीएम ही अंतिम संस्कार करवा दिया। इतना ही नहीं इस मामले की पुलिस को भी कोई जानकारी नहीं दी गई।
घटना को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनाें ही बच्चियां बैगा परिवार की थी और बिना पीएम के अंतिम संस्कार हो जाने की वजह से परिवार के लोगों को इस मामले में कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाती। इस मामले में यह भी बड़ी बात है कि जब गांव का सरपंच चन्दन बैगा भी आदिवासी बैगा समाज से था, इसके बाद भी पीड़ित आदिवासी परिजनों को समझाईश नहीं दी गई।
पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों बच्चियों के शव को जमीन से निकालकर उनका पीएम कराया गया और फिर अंतिम संस्कार कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच और कार्रवाई की जाएगी