पीएम-उषा के तहत विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण के लिए 214 करोड़ स्वीकृत
May 5, 2024रायपुर । छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा मंत्री के प्रयासों के बाद उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत राजकीय विश्वविद्यालयों एवं शासकीय महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु केन्द्र प्रवर्तित योजना राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) वर्तमान में PM-USHA के तहत 214 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृति प्रदान हुई है।
आयुक्त, उच्च शिक्षा, सह परियोजना संचालक, राज्य परियोजना कार्यालय श्रीमती शारदा वर्मा द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार भारत सरकार से PM-USHA योजना अंतर्गत संस्थावार स्वीकृत कार्यों का अनुमोदन माह मार्च 2024 में प्राप्त हुआ है।
माह मार्च 2024 में परियोजना सलाहकार मंडल की बैठकों में परीक्षण उपरांत राज्य की निम्नानुसार संस्थाओं को PM-USHA योजना के विभिन्न घटकों में अनुदान राशि स्वीकृत करने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
छत्तीसगढ़ में मल्टी एजुकेशनल रिसर्च यूनिवर्सिटीज के तहत नवीन निर्माण, रिनोवेशन / उन्नयन कार्य, फर्नीचार एवं उपकरण नवीन सुविधाएँ विकसित करना तथा सॉफ्ट स्किल्स सुविधा विकसित करने के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा विश्वविद्यालय, जगदलपुर को 100 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए।
विश्वविद्यालयों को मजबूत करने के लिए अनुदान के तहत नवीन निर्माण, रिनोवेशन / उन्नयन कार्य, फर्नीचार एवं उपकरण, नवीन सुविधाएँ विकसित करना तथा सॉफ्ट स्किल्स सुविधा विकसित करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर को 20 करोड़ रुपए, पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर को 20 करोड़ रुपए प्रदान स्वीकृत किए गए।
विद्यालयों को मजबूत करने के लिए अनुदान के तहत विभिन्न कार्यों हेतु स्वर्गीय दौलत राम शर्मा शासकीय पीजी महाविद्यालय, कसडोल को करीब 5 करोड़ रुपए, शासकीय काकतीय पीजी महाविद्यालय, जगदलपुर को 5 करोड रुपए, शासकीय मदनलाल शुक्ला महाविद्यालय, सीपत को 5 करोड रुपए, बीसीएस शासकीय पीजी महाविद्यालय, धमतरी को 5 करोड रुपए, इंदिरा गांधी शासकीय पीजी महाविद्यालय वैशाली नगर भिलाई को 5 करोड रुपए, शासकीय राजीव लोचन महाविद्यालय, राजिम को लगभग 5 करोड रुपए स्वीकृत किए गए है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा है कि, 214 करोड़ से ज्यादा की राशि स्वीकृत होने से राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों का उन्नयन होगा। जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को काफी लाभ होगा।राज्य के संस्थाओं को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित होगी।