कोरबा: जांच एजेंसी का खौफ दिखाकर महिला चिकित्सक से लाखों की ठगी
April 28, 2024कोरबा। मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर को ठगों ने पहले तो कस्टम ऑफिसर बनकर मलेशिया पार्सल भेजने के नाम पर कॉल किया। जब डॉक्टर ने पार्सल भेजने की बात से इनकार किया तो मामला दिल्ली पुलिस और सीबीआई तक जाने की बात कहकर महिला डॉक्टर को डरा दिया गया। इसके बाद बकायदा व्हाट्सएप्प पर सीबीआई का फर्जी अरेस्ट वारंट भेजकर महिला डॉक्टर से किस्तों में 5 लाख 47 हजार रुपये ठग लिये। महिला से ठगों ने गारंटी बांड के नाम पर और 3 लाख रुपये का डिमांड किया था, लेकिन महिला डॉक्टर को उसके मित्र ने समय पर अलर्ट कर दिया और फिर ठगी का ये मामला सामने आया।
शातिर ठग किस तरह से पढ़े लिखे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, इसकी बानगी एक बार फिर कोरबा जिला में देखने को मिली है। कोरबा के सिविल लाइन थाना में मेडिकल कॉलेज की डॉ. छाया गौतम ने लाखों की ठगी की रिपोर्ट दर्ज करायी है। डॉ. गौतम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 18 अप्रैल का उनके मोबाइल पर दोपहर के वक्त फोन आया। उस समय वे अपने खरमोरा हाउसिंग सोसायटी स्थित आवास में ही थी। उन्होंने बताया कि अनजान नंबर से आये कॉल को जब उन्होंने रिसीव किया तो सामने से अनजान शख्स ने उन्हें बोला कि वह कस्टम डिपार्टमेंट दिल्ली से बोल रहा है, उनके नाम से एक पार्सल मलेशिया के लिए भेज रहा है। तब डॉ. गौतम ने कोई पार्सल भेजने का ऑर्डर नहीं देने की जानकारी दी। इस जवाब के तुरंत बाद सामने से शख्स ने महिला डॉक्टर को तुरंत इसकी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस में करने का सुझाव दिया, अन्यथा यह मामला कोर्ट में जायेगा और फिर कोई आपकी मदद नहीं कर पायेगा कहा। अनजान शख्स की बात सुनकर महिला डॉक्टर डर गयी और वह दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट करने के लिए तैयार हो गई।
महिला डॉक्टर ने बताया कि कॉल करने वाले शख्स ने दिल्ली पुलिस को कॉल फारवर्ड करने की बात कहकर महिला को एक कांस्टेबल से बता कराया गया। डॉ. गौतम से सारी जानकारी लेने के बाद दिल्ली पुलिस बनकर बात करने वाले शख्स ने महिला डॉक्टर से उनकी आईडी गुम होने की जानकारी ली गयी। सामने वाले के सवाल पर पर डॉ. गौतम ने तीन साल पहले बिलासपुर में पर्स के साथ आईडी गुमने की जानकारी जैसे ही सामने वाले ठग को दी उसने शिकार को फांस लिया। महिला डॉक्टर ने बताया कि इसके तुरंत बाद बकायदा सामने वाले शख्स ने सीबीआई की ब्रांच में केस पता करने की बात कहकर डराना शुरू किया। कुछ देर बाद ही ठगों ने महिला डॉक्टर को कॉल कर उनके खिलाफ मनी लांड्रिग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केस चलने की जानकारी देकर डराना शुरू किया। डॉ. गौतम के सख्ते में आते ही दिल्ली पुलिस का जवान बताने वाले शख्स ने वीडियो कॉल कर बकायदा पुलिस की वर्दी के साथ ही बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन जैसा सीन क्रियेट कर महिला चिकित्सक को डराना शुरू किया गया।
डॉ. छाया गौतम ने बताया कि पुलिस वर्दी में शख्स द्वारा उन्हें इस केस में देश के बड़े-बड़े बैंकर्स, हैकर्स और गैंगस्टर के शामिल होने की बात कहते हुए 118 लोगों पर 17 परिवार वालों ने आरोप लगाये जाने की जानकारी दी गई। इस बातचीत के दौरान ही बकायदा ठगों ने महिला डॉक्टर के वाट्सअप पर बकायदा नाम से अरेस्ट वारंट और एसेट सीजर वारंट भेज दिया गया। अरेस्ट वारंट देखकर डॉ. गौतम काफी डर गयी थी, जिसके बाद बकायदा ठगों ने इस पूरी कार्रवाई में मदद करने का भरोसा दिखाते हुए उनकी प्रापर्टी और कैश को ईडी द्वारा सीज करने का खौफ दिखाकर बैंक खातों का पहले तो पूरा डिटेल ले लिया गया। इसके बाद केस में बचाने और फंड लिगलाइजेशन के नाम पर महिला डॉक्टर से 18 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक किस्तों में बैंक खाते से 4 लाख 47 हजार रुपये बैंक अकाउंट और फोन पे से ट्रांसफर करा लिये गये। महिला डॉक्टर ने शेयर मार्केट में 2 लाख 64 हजार रुपये लगा रखे थे, ठगों ने शेयर बिचवाकर उन पैसों तक को अपने अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिये। ठगी का शिकार हुई महिला डॉक्टर ने बताया कि बैंक अकाउंट खाली होने के बाद ठगों ने उन्हे बेल के लिए एक लाख रुपये की मांग की गयी।
लिहाजा डॉ. छाया गौतम ने अपनी महिला डॉक्टर साथी से एक लाख रुपये उधार लेकर ठगों के खाते में ट्रांसफर कर दिये। इसके बाद बकायदा ठगों ने बेल की फर्जी ऑर्डर कॉपी भी महिला डॉक्टर को भेज दी। डॉ. गौतम को लगा था कि अब सारा मामला सामान्य हो जायेगा, लेकिन दूसरे दिन ही 25 अप्रैल को एक बार फिर ठगों ने डॉ. गौतम को कॉल कर उनके केस में अहम सुराग हाथ लगने पर कोर्ट द्वारा सभी के बेल रिजेक्ट करने की जानकारी देकर टेंशन बढ़ा दिया। अब ठगों ने गारंटी बांड के नाम पर डॉ. गौतम से 3 लाख रुपये की मांग की गयी। डॉ. गौतम ने बताया कि एक बार फिर डरी-सहमी वह पैसों की व्यवस्था के लिए अपने मित्र विवेक गुप्ता से मदद मांगी। इनती बड़ी रकम मांगने पर विवेक गुप्ता ने उनसे कारण जानना चाहा, तब उसने सारी बात बतायी। इस बात का खुलासा होने के बाद विवेक गुप्ता ने डॉ. गौतम को ठगी का शिकार होने की जानकारी देते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी। फर्जी सीबीआई और दिल्ली पुलिस के नाम पर करीब 5 लाख 47 हजार रुपये की ठगी का शिकार होने के बाद मेडिकल कॉजेज की डॉ. छाया गौतम ने सिविल लाइन थाना में इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट दर्ज करायी है। पुलिस ने ठगी का शिकार हुई डॉक्टर की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471, 384 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।