केजरीवाल को मिलेगी राहत या अभी जेल में ही कटेंगी रातें, दिल्ली हाईकोर्ट आज करेगा फैसला
April 9, 2024नईदिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर हाईकोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा दोपहर 2.30 बजे इस मामले की सुनवाई करेंगे। तीन अप्रैल को ईडी और केजरीवाल के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ये दी गईं थीं दलील
इससे पहले कोर्ट में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में दायर याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि वे अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी विशेष अपवाद का दावा करने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव या सीएम के रूप में अपनी स्थिति का हवाला नहीं दे सकते। वहीं, केजरीवाल ने कहा था कि गवाहों से जबरन बयान दिलवाए ताकि उन्हें चुनावों में गिरफ्तारी किया जा सके, ऐसे में गिरफ्तारी गैरकानूनी है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।’
मेरी गिरफ्तार एक साजिश
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को एक साजिश बताया है। उन्होंने गवाहों के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा ईडी गवाहों के बयान तक तक लेती रही जब तक उन्होंने उनका नाम नहीं लिया। नाम लेते ही उनकी गिरफ्तारी हो गई। केजरीवाल ने हाईकोर्ट के समक्ष कहा था, चुनाव के बीच में गिरफ्तारी क्यों हुई। यह स्पष्ट है कि गैर-स्तरीय खेल का मैदान बनाने के लिए बहुत पहले के घोटाले का दुरुपयोग किया जा रहा है।
‘आप कितना भी शोर मचा लें, यह सच है कि घोटाला हुआ है’
ईडी की और से पेश एएसजी राजू ने कहा था कि पांच प्रतिशत का लाभ 12 प्रतिशत क्यों कर दिया गया, इसका कोई हिसाब नहीं लगाया गया। केवल अनुमान यह है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि सात प्रतिशत हिस्से का उपयोग रिश्वत देने के लिए किया जाए। यह तथ्य कि घोटाला हुआ है, आज संदेह से परे है। आप कितना भी शोर मचा लें, यह सच है कि घोटाला हुआ है। वहीं, न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा के समक्ष केजरीवाल की और से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क रखा था कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल हैं। उन्होंने कहा घोटाला बहुत पहले सामने आया था। अगस्त 2022 और अक्टूबर 2023 लेकिन गिरफ्तारी चुनावों के दौरान ही क्यों।