कोरबा: प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही 15 दिवस के अंदर जमा कराएं आवास की प्रथम किश्त राशि
April 1, 2024(कोरबा) प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही 15 दिवस के अंदर जमा कराएं आवास की प्रथम किश्त राशि
- उक्त समयसीमा में राशि जमा न होने पर आवास होगा निरस्त
- अन्य जरूरतमंद हितग्राही को होगा आबंटित
कोरबा : प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास मिशन (शहरी) के घटक “मोर मकान-मोर चिन्हारी” के आवासगृहों के हितग्राहियों से निगम द्वारा कहा गया है कि वे 15 दिन के अंदर प्रथम किश्त की राशि निगम में जमा कराएं, यदि उनके द्वारा उक्त समय अवधि में प्रथम किश्त की राशि जमा नहीं कराई जाती है तो आवासगृह का आबंटन निरस्त कर किसी अन्य जरूरतमंद हितग्राही को आवास आबंटित कर दिया जाएगा।
नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना सबके लिए आवास मिशन (शहरी) के घटक “मोर मकान-मोर चिन्हारी” आवास हेतु वार्ड क्र. 14 पम्प हाउस, वार्ड क्र. 41 परसाभांठा, वार्ड क्र. 42 रूमगरा एवं वार्ड क्र. 16 कोहड़िया आदि क्षेत्रों में स्थित स्लम बस्तियों से हितग्राहियों का चयन कराया गया था, उक्त क्षेत्रों में आवासीय पट्टों के वितरण के फलस्वरूप उक्त बस्तियों के चयनित हितग्राहियों से योजना में संलग्न कर्मचारियों के द्वारा पुनः भौतिक सत्यापन करते हुए इन बस्तियों के कुल 1453 हितग्राहियों के द्वारा उक्त योजना के तहत आवास लेने की सहमति दी गई थी, सहमति के उपरांत इन बस्तियों में 08 जनवरी से 15 जनवरी 2024 तक कैंप एवं मुनादी के माध्यम से योजना की प्रथम किश्त की राशि जमा करने हेतु हितग्राहियों को अवगत कराया गया था, साथ ही निगम द्वारा आवश्यक पत्राचार कर 10 दिवस के भीतर प्रथम किश्त की राशि जमा करने हेतु सूचित भी किया गया था।
यह कार्यवाही तथा इसकी सूचना स्थानीय स्तर पर सघन रूप से की गई थी, किन्तु वर्तमान तक इन हितग्राहियों के द्वारा प्रथम किश्त की राशि जमा नहीं की गई है और न ही उनके द्वारा कार्यालय में संपर्क कर आवास लेने में रूचि प्रदर्शित की गई है। नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा उक्त योजना के इन सभी चयनित हितग्राहियों को आवास की प्रथम किश्त जमा करने हेतु पुनः 15 दिवस का अवसर प्रदान किया गया है तथा उनसे कहा गया है कि वे अनिवार्य रूप से इस अवधि में किश्त की राशि जमा करा दें, यदि उनके द्वारा प्रथम किश्त की राशि जमा नहीं कराई जाती है तो यह समझा जाएगा कि उन्हें आवास की आवश्यकता नही है, परिणाम स्वरूप संबंधित हितग्राहियों का आबंटन स्वयं ही निरस्त हो जाएगा, जिसकी समस्त जवाबदारी हितग्राही की होगी तथा निगम द्वारा इस पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए उक्त आवासगृहों को “मोर मकान-मोर आवास” के तहत अन्य जरूरतमंद हितग्राही को आबंटित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।