RBI ने अपनी विश्वसनीयता बरकरार रखी : PM मोदी
April 1, 2024मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की आज 90वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई में आरबीआई के कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने यहां 90 रुपये का एक स्मारक सिक्का भी जारी किया। आरबीआई के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद रहे।
इसके साथ ही कार्यक्रम में महाराष्ट्र के गवर्नर, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और भगवत कराड भी मौजूद थे।
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत का रिजर्व बैंक एक ऐतिहासिक पड़ाव पर पहुंचा है। आरबीआई ने अपने 90 साल पूरे किए हैं। एक संस्थान के रूप में आरबीआई आजादी के पहले और आजादी के बाद का गवाह है। आज पूरी दुनिया में आरबीआई की पहचान उसके प्रोफेशनलिज्म और कमिटमेंट की वजह से बनी है। मैं आप सभी को आरबीआई की स्थापना के 90 साल पूरे होने की बधाई देता हूं।
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने समय-समय पर अपनी विश्वसनीयता साबित की है और विश्व के कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंक के सामने आरबीआई ने अपने कामकाज को बेहतर साबित किया।
पीएम मोदी ने कहा, अगले 10 साल के टारगेट को तय करते हुए हमें एक बात और ध्यान रखनी है। वो है भारत के युवाओं की आकांक्षाओं को। भारत आज दुनिया के सबसे युवा देश में से एक है। इस युवा आकांक्षाओं को पूरा करने में आरबीआई का अहम रोल है। आज देश देख रहा है- जब नीयत सही होती है, तो नीति सही होती है। जब नीति सही होती है, तो निर्णय सही होते हैं और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं।
उन्होंने आगे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं जब 2014 में रिजर्व बैंक के ‘अस्सी-वें’ वर्ष के कार्यक्रम में आया था, तब हालात एकदम अलग थे। भारत का पूरा बैंकिंग सेक्टर समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था। एनपीए को लेकर भारत के बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता और उसके भविष्य को लेकर हर कोई आशंका से भरा हुआ था और आज भारत के बैंकिंग सिस्टम को दुनिया में एक मजबूत और टिकाऊ प्रणाली माना जा रहा है। जो बैंकिंग सिस्टम कभी डूबने की कगार पर था, वो बैंकिंग सिस्टम अब प्रॉफिट में आ गया है और क्रेडिट में रिकॉर्ड वृद्धि दिखा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस समय जो लोग आरबीआई से जुड़े हैं, उन्हें मैं बहुत सौभाग्यशाली मानता हूं। आज आप जो नीतियां बनाएंगे, जो काम करेंगे उनसे आरबीआई के अगले दशक की दिशा तय होगी। ये दशक इस संस्थान को उसके शताब्दी वर्ष तक ले जाने वाला दशक है और ये दशक विकसित भारत की संकल्प यात्रा के लिए भी उतना ही अहम है।