छत्तीसगढ़ में मौसम बदलते ही फैला डायरिया… राजधानी में अब तक 60 केस कंफर्म
March 26, 2024छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. बीती 21 तारीख को यहां से पहला केस सामने आया तभी से लोगों की टेंशन बढ़ गई है. शहर के नगर निगम की टीम ने बोर वॉटर को जांच के लिए लैब में भेज दिया है. लोगों को इस बात का शक है कि बोर का पानी खराब होने से इलाके में डायरिया फैला है. सबसे ज्यादा मामले वाले क्षेत्रों में लाभांडी का नाम सबसे आगे है.
रायपुर,26 मार्च . गर्मियां आ गई हैं और बदलते मौसम के साथ ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. गर्मियों का मौसम अक्सर अपने साथ गंभीर बीमारियां ले आता हैं. इसी बीच छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. बीती 21 तारीख को यहां से पहला केस सामने आया तभी से लोगों की टेंशन बढ़ गई है.21 तारीख के पहले केस के बाद से लगातार डायरिया के मरीजों की संख्या क्षेत्र में बढ़ती जा रही है. अगर अभी की बात करें तो फिलहाल पीड़ितों की संख्या लगभग 60 के करीब जा पहुंची है. वहीं गंभीर रूप से बीमारी से ग्रसित लोगों की संख्या 16 है जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. नौबत यहां तक आ गई है.
कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें इलाके में कैम्प लगाकर लोगों को का इलाज कर रही हैं. मेडिकल कैम्प के जरिेए दूर-दराज के क्षेत्रों तक दवाईयां पहुंचाई जा रही हैं और टेस्ट भी किए जा रहे हैं.ये बात तो हम सभी जानते हैं कि डायरिया गंदे पानी के कारण होता है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को जागरूक करने के लिए भी काम कर रही हैं. इसी बीच शहर के नगर निगम की टीम ने बोर वॉटर को जांच के लिए लैब में भेज दिया है. लोगों को इस बात का शक है कि बोर का पानी खराब होने से इलाके में डायरिया फैला है. सबसे ज्यादा मामले वाले क्षेत्रों में लाभांडी का नाम सबसे आगे है. यहां डायरिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. नगर निगम की ओर से लगातार इलाके में टेंकर के जरिए साफ पानी पहुंचाया जा रहा है.
लैब रिपोर्ट का इंतजार
अब नगर निगम की टीम को लैब रिपोर्ट का इंतजार है जिससे सारी तस्वीर निकल कर सामने आएगी. डायरिया के 60 मरीजों में से 12 का इलाज रायपुर के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. वहीं चार लोगों का इलाज पंडरी के जिला अस्पताल में चल रहा है. जो ज्यादा सीरियस नहीं हैं उनका इलाज घर पर किया जा रहा है. जानकारी ये भी है कि घर पर जिन लोगों का इलाज किया जा रहा है वह पहले से बेहतर हैं, लेकिन इलाके में ये बीमारी कैसे फैली इसके बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है.