पुलिस निरीक्षक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश पर लगाई रोक
March 10, 2024बिलासपुर, 10 मार्च। पुलिस निरीक्षक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन द्वारा जारी स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने नियमों का हवाला देते हुए इसे नियम विरुद्ध बताया था।
साथ ही यह भी शिकायत की थी कि शासन स्तर पर बनाए गए मापदंडों का आला अधिकारी ही पालन नहीं कर रहे हैं। इसका खामियाजा मातहतों को भुगतना पड़ रहा है।
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तपेश्वर नेताम ने अधिवक्ता अभिषेक पांडेय एवं गीता देबनाथ के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष रिट याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने बताया कि वह दुर्ग में पुलिस विभाग में निरीक्षक के पद पर कार्य कर रहे थे। 15 फरवरी 2024 को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रायपुर द्वारा एक आदेश जारी कर तपेश्वर नेताम का स्थानांतरण जिला दुर्ग से धमतरी कर दिया गया। मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश के तहत याचिकाकर्ता तपेश्वर नेताम का गृह जिला दुर्ग में पदस्थापना के आधार पर उनका स्थानांतरण धमतरी किया गया है। याचिकाकर्ता ग्राम भेंगारी, जिला बालोद का निवासी है जो कि पूर्व में जिला दुर्ग के अंतर्गत आता था। एक जनवरी 2012 को जिला दुर्ग से जिला बालोद पृथक हो चुका है।
अतः याचिकाकर्ता वर्तमान में जिला बालोद का निवासी है। इस हिसाब से याचिकाकर्ता का स्थानांतरण पूर्णतः नियम विरुद्ध है। जुलाई 2023 में याचिकाकर्ता का ट्रांसफर कोंडागांव से दुर्ग किया गया था एवं दुर्ग में ज्वाइनिंग के मात्र सात माह बाद याचिकाकर्ता का स्थानांतरण धमतरी किया जाना स्थानांतरण नीति का घोर उल्लंघन है। रिट याचिका की सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी