छत्तीसगढ़: DRDO कैंपस में तेंदुए ने शावकों को जन्म दिया, कर्मियों में दशहत…

छत्तीसगढ़: DRDO कैंपस में तेंदुए ने शावकों को जन्म दिया, कर्मियों में दशहत…

November 19, 2023 Off By NN Express

जगदलपुर । बस्तर जिले के गिरोला में स्थित डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन) के डिफेंस एरिया में एक मादा तेंदुआ दिखने से दहशत का माहौल बना हुआ है। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय के इस गिरोला कैंप के भीतर तेंदुए ने चार शावकों भी जन्म दिया है। इसके चलते दिन-रात ड्यूटी करने वाले रक्षाकर्मियों को वन विभाग ने पूरी तरह से सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। इधर डिफेंस के अधिकारियों ने तेंदुआ द्वारा चार शावकों को जन्म देने की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को देते हुए सुरक्षा के हिसाब से इन्हें अन्यत्र ले जाने की मांग की है।

डिफेंस के अधिकारियों ने बताया कि कुछ दिनों से एक मादा तेंदुआ गिरौल कैंप के घने वन क्षेत्र में नजर आ रही थी। इसकी सूचना कैंप अधिकारियों ने बस्तर वन विभाग के एसडीओ देवलाल दुग्गा को दी, जिसके चलते कैंप के भीतर संभावित क्षेत्र में पिंजरा भी लगाया गया था। लेकिन चार दिन पहले ही पता चला कि तेंदुए ने गिरौला कैंप के भीतर ही चार शावकों को जन्म दिया है, जिसके चलते फिलहाल पिंजरा हटा लिया गया है।

इधर रक्षा कर्मियों का कहना है कि शावकों को बचाने के लिए मादा तेंदुआ नाइट शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारियों पर कभी भी हमला कर सकती है। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों ने तेंदुआ को शावकों सहित पकड़ कर सघन वन क्षेत्र में छोड़ने की मांग वन विभाग के अधिकारियों से की है।

वन विभाग के अधिकारी देवलाल दुग्गा ने बताया कि गिरोला डिफेंस एरिया के सुरक्षाकर्मियों ने कैम्प के अंदर मौजूद जंगलों में मादा तेंदुआ को देखा है और तेंदुआ के द्वारा चार शावको को भी जन्म दिए जाने की भी जानकारी मिली है। हालांकि शावक काफी छोटे हैं ऐसे में यहां वन विभाग ने जो पिंजरा लगाया था उसे हटा लिया है। जल्द ही ऑपरेशन चलाकर तेंदुआ को पकड़ने और शावकों को सुरक्षित जगह पर छोड़ा जाएगा।

फिलहाल, सुरक्षाकर्मियों को सावधानी बरतने को कहा गया है, जिसमें रात के समय पैदल और दो पहिया वाहनों से अपने कार्यक्षेत्र में नहीं जाने के साथ ही आवश्यकता अनुसार बंद गाड़ी में आना-जाना करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है। उचित माध्यम से तेंदुआ और शावकों को बड़े सावधानी से पड़कर घने जंगलों में छोड़ने की तैयारी कुछ दिनों में की जाएगी।