इस पिता को सैल्यूट! बेटी का सपना पूरा करने के लिए ढाई एकड़ खेत में बना दी पिच, अब उड़ा रही चौके-छक्के

इस पिता को सैल्यूट! बेटी का सपना पूरा करने के लिए ढाई एकड़ खेत में बना दी पिच, अब उड़ा रही चौके-छक्के

November 6, 2023 Off By NN Express

आश्विनी की क्रिकेट के प्रति लगन को देख भारतीय महिला दृष्टिबाधित टीम की प्लेयर सुषमा पटेल ने आश्विनी के हौसले को बढ़ाते हुए उसे प्रतिदिन प्रेक्टिस करने की नसीहत दी.

दमोह. मध्यप्रदेश के दमोह जिले की युवा पीढ़ी शिक्षा के क्षेत्र में हो या फिर खेल प्रतिभा के क्षेत्र में हो लगातार ही अच्छा प्रदर्शन कर अपने गांव, कस्बे का नाम रोशन कर रही है. इनकी प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, बस एक मौके का इंतजार रहता है. जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के भिलोनी गांव की नौ साल की बेटी ने ये साबित कर दिया कि किसान की बिटिया भी किसी से कम नहीं.

गरीब परिस्थितियों में जन्मी अश्विनी पटेल को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक इतना की महज चार साल की छोटी सी उम्र में बल्ला घुमाना शुरू कर दिया. इस बीच अश्विनी की क्रिकेट के प्रति लगन को देख उनके पिता ने खेत की ढाई एकड़ जमीन में सीमेंट पिच बनवा दी ताकि उनकी लाडो मन भरकर क्रिकेट खेल सके. गांव में खेल मैदान का अभाव था जिस कारण आश्विनी के पिता को ढाई एकड़ जमीन में ही खेल मैदान बना पड़ा. आश्विनी की 3 से 4 साल की कड़ी मेहनत अब रंग ला रही है, क्रिकेट की पिच पर बल्लेबाजी करने वाली आश्विनी अब चौके-छक्के लगाने लगी है.

लाडो के जुनून को पूरा करने पिता बना क्रिकेट कोच
बेटी आश्विनी का अच्छा प्रदर्शन देख पिता रामलखन उनका कोच बनकर उसकी मदद कर रहे हैं. इतना ही नहीं रामलखन अपनी लाडो के सपने को साकार करने के लिए बचपन से ही अपनी हैसियत के मुताबिक क्रिकेट का एक एकसामान इक्कठा करने में लगे रहे. प्रतिदिन सूरज की पहली किरण के साथ अश्विनी क्रिकेट मैदान पर दिन की शुरुआत होती है, जहां 2 से 3 घण्टे कड़ी प्रैक्टिस के बाद गांव के संस्कार कांवेंट इंग्लिश मीडियम स्कूल में पड़ने जाती है.

रोजाना अभ्यास करती है आश्विनी
क्रिकेट के मैदान का रास्ता हो या फिर स्कूल तक भेजने की जिम्मेदारी को रामलखन खुद ही पूरा करता है. बेटी की खुशी के आगे रामलखन ने अपने घुटने टेक दिए और ढाई एकड़ कृषि भूमि में ही एक छोटी सी पिच बनाकर बाकायदा उसे नेट से कवर करके एक छोटा ग्राउंड बना दिया. और बेटी का कोच बनकर खेती बाड़ी के काम से फुर्सत होकर रामलखन अपनी बेटी के साथ रोज क्रिकेट खेलते हैं और उसकी प्रतिभा को निखारने में जुटे रहते हैं. शाम के वक्त गांव और आसपास के दूसरे खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट खेलकर आश्विनी अभ्यास करती है.

‘देश का नाम रोशन करेगी आश्विनी’
आश्विनी की क्रिकेट के प्रति लगन को देख भारतीय महिला दृष्टिबाधित टीम की प्लेयर सुषमा पटेल ने आश्विनी के हौसले को बढ़ाते हुए उसे प्रतिदिन प्रेक्टिस करने की नसीहत दी. इसके साथ ही सुषमा का मानना है कि अश्विनी को अब एक अच्छे कोच की आवश्यकता है.अश्विनी के पिता रामलखन का कहना है कि यदि कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि उनकी मदद करता है तो उनकी बेटी अपने गांव का ही नहीं जिले राज्य और देश का नाम रोशन करेगी.