मिलिए मां के इस भक्त से…सीने पर 9 कलश रख करते हैं पूजा, 15 दिन तक रहते हैं निर्जला

मिलिए मां के इस भक्त से…सीने पर 9 कलश रख करते हैं पूजा, 15 दिन तक रहते हैं निर्जला

October 19, 2023 Off By NN Express

आरा में एक भक्त पुजारी लाल बाबा उर्फ विनोदानंद स्वामी हैं, जो सीने पर 9 पीतल के कलश रखकर मां की आराधना में करते हैं. ऐसा नहीं कि लाल बाबा कोई ये पहली बार कर रहे हैं. ये उनका 16वां वर्ष है.

भोजपुर.। बिहार के आरा में शारदीय नवरात्र के दौरान शहर से लेकर गांव तक लोग मां दुर्गा की आराधना में जुटे हैं. इस दौरान भक्त मां शेरावाली को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह से आराधना और साधना में जुटे हैं. ऐसे ही आरा में एक भक्त पुजारी लाल बाबा उर्फ विनोदानंद स्वामी हैं, जो सीने पर 9 पीतल के कलश रखकर मां की आराधना में करते हैं. ऐसा नहीं कि लाल बाबा कोई ये पहली बार कर रहे हैं. ये उनका 16वां वर्ष है, जब वे मां की आराधना के लिए ऐसी साधना कर रहे हैं.

मानव कल्याण के लिए कर रहें यह
विनोदानंद आरा के आनंद नगर पुल के समीप अर्धनिर्मित काली मंदि में मां के चरणों में आराधना करते आ रहे हैं. खुशी उत्साह से साधना में लग गए हैं. लगातार 9 दिन नित्यक्रिया छोड़कर मां की आराधना करना है. उन्होंने कहा कि मानव समाज और धरती पर मौजूद हर प्राणियों के कल्याण के लिए लिए वह यह तपस्या करते हैं.

लाल बाबा की आस्था से हर कोई खुश
लाल बाबा के इस तप साधना से हर कोई खुश है. मंदिर के सेवक बताते हैं कि लाल बाबा की आस्था है. इसी आस्था से उन्हें शक्ति मिली है. इसी आस्था के कारण आज बिहार के कोने-कोने से श्रद्धालु इस मंदिर में मत्था टेकने आते हैं.लाल बाबा के इस तप साधना से हर कोई आश्चर्य चकित है. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच बाबा के दर्शन करते है और उनका आशीर्वाद लेते है.

नवरात्रि शुरू होने के पहले पांच दिनों से अन्न,पानी त्याग देते है
बाबा शक्ति की पूजा करते हैं. जब तक मां का आशीर्वाद नहीं होगा तब तक बाबा पूजा नहीं कर सकते हैं. हमलोग नवरात्र करते हैं. थोड़ा कष्ट होता है लेकिन वह अन्न-जल त्याग करने की क्रिया छोड़कर पूजा करते हैं. नवरात्रि शुरू होने के पहले पांच दिनों से अन्न, पानी त्याग देते है उसके बाद 9 दिन बिना भोजन-पानी के कलश लेकर लेते रहते है.

इस मंदिर है जो कोई आता है उनकी मनोकामना पूरी होती है. बाबा बड़हरा प्रखंड के एकौना के रहने वाले हैं और इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी इसी मंदिर में बिता दी.