घर में घुसे सांप को बताया मरे हुए बेटे का पुनर्जन्म! ब्लैक कोबरा सांप को गले में लेकर घूम रही महिला

घर में घुसे सांप को बताया मरे हुए बेटे का पुनर्जन्म! ब्लैक कोबरा सांप को गले में लेकर घूम रही महिला

October 18, 2023 Off By NN Express

Rajasthan Viral News: इसे पुनर्जन्म की कहानी कहें या वृद्ध महिला का भ्रम. कोटा जिले के सांगोद कस्बे में वृद्ध महिला के घर पर एक ब्लैक कलर का सांप दो दिनों से घूम रहा था.

कोटा. इसे पुनर्जन्म की कहानी कहें या वृद्ध महिला का भ्रम. कोटा जिले के सांगोद कस्बे में वृद्ध महिला के घर पर एक ब्लैक कलर का सांप दो दिनों से घूम रहा था. जब आसपास के लोग और परिवार के लोग उसे मारने आए तो वृद्ध महिला ने कहा कि यह मेरा बेटा है. इसका पुनर्जन्म हुआ है और उस सांप को महिला अपने गले में डालकर पूरे गांव में घूमती रही. दरअसल महिला का 18 साल पहले एक बेटा मर गया और सांप को देखकर उस वृद्ध महिला को अपने बेटे की याद आ गई बेटे का पुनर्जन्म का रिश्ता बता दिया.

सांगोद क्षेत्र के रसकपुरिया गांव निवासी राजूलाल बैरवा ने बताया कि बुधवार घर के अंदर काला सांप नजर आया. डर के मारे उसे मारने की कोशिश की तो मां बादाई बाई ने रोक दिया. मां ने सांप के हाथ जोड़कर कहा कि परिवार का कोई देवता है तो रुक, नहीं तो घर से बाहर चला जा. जब सांप नहीं हिला तो मां नीचे सांप के पास बैठ गई. फिर दोबारा पूछा कि मेरा बेटा है तो गोद में आकर बैठ जा. इसके बाद सांप मां की गोद में आकर बैठ गया. काफी देर तक रुका रहा और फिर पास ही कंडों के ढेर में चला गया.

मंगलवार सुबह घर के पास ही नाली में ग्रामीणों ने एक और सांप को देखा तो उसे मारने के लिए दौड़े. मां ने देखा तो वह दौडकऱ सांप को उठाकर घर ले आई. यह देख ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. मां ने सांप को चबूतरे पर कपड़ा बिछाकर छोड़ दिया. वह काफी देर वहां बैठा रहा और बाद में पास ही पत्थरों के ढेर में घुस गया. राजूलाल ने बताया कि 18 साल पहले बड़े भाई हंसराज की पार्वती नदी में नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई थी. मां व परिजन सांप को उसका पुर्नजन्म मान रहे हैं.

स्नेक कैचर गोविंद शर्मा ने बताया कि वृद्ध महिला के गले में जो सांप है वह ब्लैक कोबरा सांप हैं. कोबरा के डसने के 30 मिनट के भीतर इंसान की जान जा सकती है.

हाड़ौती में इस प्रजाति का सांप बहुत कम दिखाई देते हैं. इसका रंग काला व शरीर पर पीली व सफेद पट्टी होती है. यह स्वभाव से आक्रामक नहीं होते ओर विषहीन है. इसका मुख्य आहार छिपकली व मेढक होते हैं, जिन्हें खाने के लिए कई बार यह घरों में घुस आता है.