अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक कन्या वह बालक छात्रावास आईटीआई बुधवारी में उल्लास से मनाया गया गुरु बालक दास जी की 222वी जयंती – जांगड़े

अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक कन्या वह बालक छात्रावास आईटीआई बुधवारी में उल्लास से मनाया गया गुरु बालक दास जी की 222वी जयंती – जांगड़े

September 7, 2023 Off By NN Express

कोरबा, 7 सितंबर । अनुसूचित जाति प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक कन्या वह पलक छात्रावास आईटीआई तथा बुधवारी स्थित छात्रावास में परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी के द्वितीय पुत्र गुरु बालक दास जी की 222 सी जयंती बड़े ही हरसोला के साथ मनाया गया उक्त कार्यक्रम में आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कशेर भतार मुख्य अतिथि रहे वहीं अखिल भारतीय सतनामी व कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनीराम जांगड़े ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की वह विशिष्ट तिथि के रूप में एच आर वीरेंद्र अनिल राते राम कपूर कुर्रे विशाल राम जनजान के गरिमा में उपस्थिति में उक्त धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हुआ।

गुप्त कार्यक्रम में निवासरत कुमारी सुषमा बंजारे जी के द्वारा बाबा जी के जीवनी को लेकर बहुत ही सुंदर गीत प्रस्तुत किया साथ ही पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास के के छात्र भागीरथी दिवाकर शिवराज कोट भुवनेश्वर बंजारे ओमप्रकाश के द्वारा परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा जी एवं उनके पुत्र गुरु बालक दास जी के द्वारा सतनामी समाज ही नहीं वर्णन मानव समाज के प्रति की गई कार्यों को लेकर प्रकाश डालते हुए उद्बोधन दिए मुख्य अतिथि श्री कसेर ने छात्रावास में निवास रथ समस्त छात्र-छात्राओं एवं आयोजन समिति के पदाधिकारी को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी छात्र सदैव मन लगाकर पढ़ाई करें क्योंकि आप अपने माता-पिता से दूर रहकर अपनी उज्जवल भविष्य को लेकर यहां रहकर पढ़ाई करते हैं इसलिए गुरु बालक दास जी के दी गई उपदेशों को आत्महत्या करते हुए अपना जीवन बनाना है साथ ही बाबा जी के जो संदेश है मनखे मनखे एक समान उसे उपदेश को सदैव आत्मसात करना है बाबा जी ने कहा है कि मध् पान मांस मदिरा का सेवन कदापि न करें क्योंकि सादा जीवन में ईश्वर वास करते हैं वही कार्यक्रम को पूर्ण रूप से सफल बनाने में छात्रावास के अधीक्षक श्री राजेश कुमार मार्बल श्री तिवारी नंदिता टोप्पो ज्योति राठौड़ अंजू श्रीमती ऐश्वर्या सरस्वती कुहारे अमृता श्रीमती विमला पनागर उषा सहित रंजीत कुमार जांगड़े श्री बंजारे का सराहनीय योगदान रहा।