Health: एसिडिटी से राहत के लिए खाते हैं दवा? जानें किस घातक बीमारी का बढ़ता है खतरा

Health: एसिडिटी से राहत के लिए खाते हैं दवा? जानें किस घातक बीमारी का बढ़ता है खतरा

August 16, 2023 Off By NN Express

पेट में गैस, अपच, एसिडिटी जैसी प्रॉब्लम होना लोगों के लिए काफी आम बात होती है. इसके पीछे भारी और तला भुना खाना खाने से लेकर लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहने तक, जैसी कई वजह हो सकती हैं. कई लोगों को तो अक्सर इस समस्या से जूझना पड़ता है. ऐसे में आप या तो कोई घरेलू नुस्खा आजमाते हैं या फिर आप एसिडिटी से राहत पाने के लिए टेबलेट लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए ली जाने वाली दवा आपके लिए बेहद घातक सिद्ध हो सकती है. ऐसा ही कुछ हाल ही में हुई एक स्टडी कहती है.

जब हम कोई भी दवा लेते हैं तो वह शरीर में जाते ही घुल जाती है और ब्लड के साथ अलग-अलग टिश्यूज तक पहुंचती है. फिलहाल हम बात कर रहे हैं कि एसिडिटी से राहत पाने के लिए लिए खाई जाने वाली एक मेडिसिन पी-पीआई की, जिसकी वजह से डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है. चलिए जानते हैं कि आखिर इस बारे में क्या कहती है स्टडी.

क्या कहती है स्टडी

अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के मेडिकल जर्नल न्यूरोलॉजी में ऑनलाइन छपी एक स्टडी में एसिडिटी से आराम दिलाने वाली दवा ‘प्रोटॉन पंप इनहिबिटर’ (पी-पीआई) से डिमेंशिया होने के खतरे को जोड़ा गया है. बता दें कि डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति होती है, जब व्यक्ति को एक तरह से चीजों को लेकर भ्रम होने लगता है. इसमें छोटी-छोटी बातों को भूलना, कुछ भी बुदबुदाने लगना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं.

इन लोगों को है डिमेंशिया का खतरा

एसिडिटी से राहत के लिए खाई जाने वाली दवा से ‘प्रोटॉन पंप इनहिबिटर’ (पी-पीआई) से डिमेंशिया होने के खतरे के बारे में बात करें तो स्टडी के मुताबिक ये जोखिम उन लोगों में पाया गया है, जिन्होंने साढ़े चार साल या फिर उससे ज्यादा वक्त तक इस दवाई का सेवन किया था. इस स्टडी में 45 साल और उससे ज्यादा की उम्र के 5, 712 रोगों ने हिस्सा लिया था और जब यह स्टडी शुरू हुई तो किसी को भी डिमेंशिया जैसी प्रॉब्लम नहीं थी. शोधकर्ता ने अध्ययन के दौरान विजिट करके और वार्षिक कॉल को दौरान यह जाना कि लोग कौन सी दवाएं ले रहे हैं, जिसके निष्कर्ष पर ये पाया गया कि उनमें से 26 प्रतिशत लोगों ने पी-पीआई दवा ली थी.

ये जानना है जरूरी

यहां यह बता देना जरूरी है कि रिपोर्ट में इस पर भी ध्यान दिया गया है कि यह अध्ययन पूरी तरह से ये साबित नहीं करता कि पी-पीआई यानी एसिडिटी के लिए ली जाने वाली दवा डिमेंशिया का कारण है, हालांकि इन दोनों चीजों की बीच संबंध हो सकता है.