Peepal Puja Tips: पीपल के पेड़ की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, प्राप्त होगा शनिदेव का आशीर्वाद

Peepal Puja Tips: पीपल के पेड़ की पूजा करते समय इन बातों का रखें ध्यान, प्राप्त होगा शनिदेव का आशीर्वाद

June 1, 2023 Off By NN Express

Peepal Puja Tips: सनातन धर्म में पीपल पेड़ का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ में जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी निवास करते हैं। साथ ही पीपल के पेड़ में देवी-देवताओं और पितरों का भी वास होता है। अतः सनातन धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा की जाती है। इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। ज्योतिषियों की मानें तो पीपल के पेड़ की पूजा करने से साढ़े साती और शनि की ढैया का प्रभाव क्षीण होता है।

इसके अलावा, पितृ दोष भी दूर होता है। पीपल के पेड़ की पूजा करने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अगर आप भी शनि देव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो पीपल के पेड़ की पूजा करते समय इन बातों का ध्यान रखें। आइए जानते हैं-

इन नियमों का रखें ध्यान

– सनातन धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करने का विधान है। सोमवार से लेकर शनिवार तक पीपल की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में रविवार के दिन पीपल पेड़ की पूजा करने की मनाही है। रविवार के दिन पूजा करने से दोष लगता है। शनिवार के दिन पीपल पेड़ की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। अतः रविवार के दिन पीपल पेड़ की पूजा न करें।

– सनातन शास्त्रों में सूखे पीपल के पेड़ को रविवार के दिन काटने की अनुमति है। वहीं, पीपल के पेड़ को रविवार के दिन ही उखाड़ना चाहिए। पीपल के पेड़ को काटने या उखाड़ने से पहले जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रणाम कर क्षमा याचना करें।

– अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो निजात पाने के लिए हर गुरुवार को पीपल के पत्ते को पानी में साफ कर उस पर चंदन या केसर से ‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं नमः’ मंत्र लिखकर धन की देवी मां लक्ष्मी को अर्पित करें। इस उपाय को करने से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है।

– शास्तों की मानें तो पीपल के पेड़ में धन की देवी मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का वास होता है। अतः पीपल के पेड़ की पूजा रविवार के दिन नहीं करनी चाहिए। इससे घर में गरीबी और दरिद्रता आती है। साथ ही व्यक्ति को आर्थिक संकटों का भी सामना करना पड़ता है।