ईडी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत, प्रताड़ित करने समेत ये आरोप लगाए


ईडी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत, प्रताड़ित करने समेत ये आरोप लगाए

January 17, 2023 Off By NN Express

रायपुर । ईडी के खिलाफ रायपुर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता निखिल चंद्राकर ने ईडी की विशेष कोर्ट में याचिका दायर कर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इससे पहले तेलीबांधा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट में याचिका लगाई है।  

निखिल ने एडवोकेट सोएब अल्वी के माध्यम से 16 जनरी 2023 को ईडी के अधिकारियों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश ईडी अजय सिंह राजपूत रायपुर के समक्ष एक आवेदन प्रस्तुत किया है। जिसमें निखिल चंद्राकार द्वारा विशेष न्यायालय को इस बात से अवगत कराया की ई.डी. के अधिकारियों द्वारा 23 दिसंबर .2022 को उसे अवैधानिक तरीके से घर से बिना कोई नोटिस दिए घर से उठा कर ले गया तथा लॉक-अप में 24 घण्टों से भी अधिक समय तक रखा गया। 

अपने आवेदन में निखिल ने बताया गया है 24 दिसंबर 2022 को उसकी तबीयत खराब होने बाद भी उसे न तो खाना खाने दिया गया न ही उसका ईलाज करवाया और न ही उसे छोड़ा गया। जब 24 घण्टों से अधिक समय से होने के बाद भी निखिल को ई.डी. के अधिकारियों द्वारा न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं किया गया तो निखिल के पिता लक्षमण चंद्राकार द्वारा न्यायालय में एक आवेदन लगाया गया कि उनके पुत्र को अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है। इसकी कोई जानकारी अथवा खबर भी उनके परिवार वालों को नहीं दी जा रही है। जिस पर ईडी के अधिकारियों द्वारा निखिल से जबर्दस्ती अपने पिता को फोन करवाकर यह कहा गया कि अगर वो अपना आवेदन वापस नहीं लेते तो निखिल को भी केस में आरोपी बना दिया जाएगा, जिससे निखिल के पिता घबरा गए और उन्होने अपना आवेदन वापस ले लिया।

अपने आवेदन में निखिल ने यह भी बताया है कि ईडी के अधिकारियों द्वारा उसे सौम्या चौरसिया, तथा अन्य बड़े अधिकारियों, व्यापारियों एवं नेताओं के खिलाफ पैसों की लेनदेन तथा घोटाले के बारे में बयान देने को कहा गया और जब निखिल द्वारा उक्त बातों का विरोध किया गया तो उसे डराया गया कि अगर निखिल ईडी के अधिकारी जैसा बोल रहे हैं वैसा नहीं करेगा तो उसके लिए अच्छा नहीं होगा और उसे भी केस में आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। आगे निखिल चंद्राकर ने अपने आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि जब उसने झूठा बयान देने से मना कर दिया तो ई.डी. के अधिकारियों द्वारा उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया जिससे उसे घोर अभित्रास एवं आघात पहुंचा।