भाजपा की जन विरोधी नीतियों को जनता समझ चुकी है – कांग्रेस

भाजपा की जन विरोधी नीतियों को जनता समझ चुकी है – कांग्रेस

January 8, 2023 Off By NN Express

भाजपा की जिला कार्यसमिति की बैठक पर कांग्रेस प्रवक्ता ने ली चुटकी

जांजगीर,08 जनवरी । सक्ती जिले में भाजपा कार्यसमिति की बैठक में जिला प्रभारी गुरुपाल सिंह भल्ला के बयान में तीनों विधानसभा अर्थात सक्ती, चंद्रपुर और जैजैपुर जीतने के लिए करनी होगी, मेहनत पर चुटकी लेते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता शिशिर द्विवेदी ने कहा है अपनी पार्टी की मजबूती के लिए मेहनत करना तो सभी राजनीतिक दलों का प्रथम दायित्व होना चाहिए किन्तु इसके समानांतर ही भाजपा की जन विरोधी नीतियों को जनता भलीभांति समझ चुकी है। 15 वर्षों के अपने कार्यकाल में भाजपा की रमन सरकार द्वारा प्रदेश के बाहर से आए चंद पूंजीपतियों के व्यापार को प्रतिदिन आगे बढ़ाने का काम किया गया था।

बड़े बड़े प्रोजेक्ट में अपने रिश्तेदारों को काम दिलाने से लेकर कौड़ियों के भाव में राज्य की उपजाऊ भूमि को बेचने तक, रमन सरकार के प्राथमिकता में रही है। एक तरफ मोदी सरकार द्वारा राज्य सरकार के जीएसटी का शेयर 30 हजार करोड़ से अधिक का पैसा वापस न करने की बात हो या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आवास योजना पर सुचारू रूप से राज्य के जनता को पैसा न देना, जनता के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। छत्तीसगढ़िया जनता के साथ दोयम दर्जा का व्यवहार किया जा रहा है। दूसरी ओर जिला भाजपा प्रभारी भल्ला द्वारा भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलजुलकर गंभीरता से काम करने को कहा गया है, इसका अर्थ है कि श्री भल्ला यह स्वीकार कर रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी में एकजुटता और गंभीरता दोनों का अभाव है।

नरेंद्र मोदी सरकार के 8 वर्षो के कार्यकाल में देश में उत्पन्न आर्थिक असमानता, बेतहाशा मंहगाई, बेरोजगारी को भी देश और छत्तीसगढ़ राज्य की जनता देख रही है। जिला कांग्रेस प्रवक्ता ने भूपेश सरकार की जनकल्याकारी नीतियों पर कहा है कि हमारी राज्य सरकार की किसान हितैषी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की नीति, महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार, गोधन न्याय योजना, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के कारण स्थानीय बाजार की अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ी है। यह सारी नीतियां राज्य के जनता के हित और सरोकार में है। इनसे छत्तीसगढ़िया जनता के जीवन स्तर में व्यापक बदलाव आया है। राज्य के व्यापार और उद्योगों में वैश्विक मंदी का असर नहीं के बराबर दिखता है।