एक ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित घर के अंदर घुस गया…बाल-बाल बचे घर के लोग

एक ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित घर के अंदर घुस गया…बाल-बाल बचे घर के लोग

December 5, 2022 Off By NN Express

अंबिकापुर,05 दिसंबर  बतौली क्षेत्र के शांतिपारा में राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर सोमवार की सुबह दो ट्रकों की आमने-सामने टक्कर के बाद एक ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित घर के अंदर घुस गया। गनीमत कि घर में रहने वाले बाहर खड़े थे और कुछ लोग अपने काम में व्यस्त थे। इसी वजह से बड़ा हादसा होते-होते बच गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर आए दिन तेज रफ्तार बड़े वाहनों की वजह से दुर्घटनाएं हो रही है। सोमवार की सुबह जामपाली रायगढ़ से ट्रक क्रमांक सीजी 15 डीबी 9972 कोयला लोड कर सिंगरौली जा रहा था। सामने से सूरजपुर से गेहूं लोडकर ट्रक क्रमांक सीजी 15 आरसी 1335 प्रतापगढ़ की ओर जा रहा था। जैसे ही शांतिपारा में हायर सेकेंडरी स्कूल के सामने दोनों ट्रक पहुंचे। तेज रफ्तार में होने की वजह से संतुलन बिगड़ा और प्रतापगढ़ से आ रहा ट्रक एनएच के किनारे स्थित संतराम के घर में घुस गया।

ट्रक ने घर के सामने नाली को पार काफी तेज गति से घर में प्रवेश किया। इस समय घर के लोग अन्य कार्यों में व्यस्त थे। इसी वजह से कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। घर में सात लोग निवासरत है। इसमें तीन छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। घर के किचन वाले हिस्से में ट्रक घुसा है। दुर्घटना से पहले घर की महिलाएं खाना बना रहीं थीं। काफी तेज गति और जोरदार आवाज से दुर्घटना हुई और लोग सकते में आ गए थे। घटना की जानकारी बतौली पुलिस को देने के बाद पूरी टीम मौके पर पहुंच गई।राष्ट्रीय राजमार्ग 43 की हालत वर्षों बाद सुधरी है। सड़क का काफी हिस्सा बनाया जा चुका है। कुछ हिस्से अभी भी एक लेन तक ही बन पाए हैं। अच्छी सड़क मिलने पर चार पहिया वाहनों की रफ्तार काफी तेज हो जाती है।

ऐसे में रोजाना दुर्घटनाएं हो रही है। सड़क निर्माण करने वाली कंपनी ने कही भी संकेत चिन्ह और सफेद पट्टी नहीं लगाई है। रिहायशी इलाकों में सावधानी संकेतकों का अभाव है। इस वजह से रोजाना गंभीर हादसे होते रहते हैं। शांतिपारा में बस स्टैंड,तहसील कार्यालय के सामने,हायर सेकेंडरी स्कूल के सामने रोजाना काफी भीड़ जुटती है। ऐसे में संकेतों के अभाव में चार पहिया वाहनों की वजह से आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। इस संबंध में न ही राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग और न ही निर्माणाधीन कंपनी का ध्यान है। दुर्घटना के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी नदारद रहे।