जिलें में गणेशोत्सव के लिए तैयार हो रहे गणेश पंडाल

जिलें में गणेशोत्सव के लिए तैयार हो रहे गणेश पंडाल

August 24, 2022 Off By NN Express

शहर में 200 से अधिक स्थानों पर विराजित की जाती हैं भगवान गणेश की मूर्ति

धमतरी, 24 अगस्त। गणेश चतुर्थी को लेकर शहर में तैयारियां शुरू हो गई है। गणेशोत्सव के लिए तैयारी में जुटी हुई समितियोने अब पंडाल बनाना शुरू कर दिया है। शहर के अलग-अलग स्थानों पर पंडाल बनाते हुए समिति के सदस्यों को देखा जा सकता है। इस साल शासन ने 10 फ़ीट से अधिक ऊंचाई तक मूर्तियां बनाने की छूट दी है जिससे समिति के सदस्यों में उत्साह का माहौल है।

विघ्नहर्ता भगवान गणेश का 10 दिवसीय लोक उत्सव 31 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। इसकी तैयारी में शहर की विभिन्न समितियां जुट गई हैं। आकर्षक व नयनाभिराम झांकियों की तैयारी में समिति के सदस्य लगे हुए हैं। धमतरी शहर में मकई चौक, सिहावा चौक, आमापारा वार्ड, रामबाग क्षेत्र, बनियापारा, इतवारी बाजार सहित विभिन्न स्थानों पर आकर्षक पंडाल तैयार किए जाते हैं। जहां पर विघ्नहर्ता श्री गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है। जानकारी के अनुसार शहर में 200 से भी अधिक स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित की जाती है। मूर्तिकारों के यहां भगवान गणेश की मूर्तियां तैयार की जा रही है।

प्लास्टर ऑफ पेरिस और हानिकारक रंगों से बनने वाली मूर्तियों पर रोक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व कोर्ट के आदेश में पीओपी और हानिकारक रंगों से बनी मूर्तियों से प्रदूषण होने की बात कहते हुए इनकी रोकथाम के निर्देश हैं। इसलिए अब इन मूर्तियों का निर्माण प्रतिबंधित किया जा चुका है। जिसके पालन में आयुक्त विनय कुमार ने बस स्टैंड के पास मूर्ति निर्माताओं की मूर्तियों का जायजा लिया। साथ ही राजस्व अधिकारी को सभी मूर्ति निर्माताओं के यहां सर्वे करने के आदेश दिए। आयुक्त ने आगामी विभिन्न त्योहारों व सार्वजनिक उत्सव के आयोजन में राज्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप संबंधित अधिकारियों को तालाब घाटों पर साफ सफाई, ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव,फागिंग,शुद्ध पेयजल,आदि की समुचित व्यवस्था करने,तालाबों में विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री को अलग-अलग कर उपयुक्त स्थल पर रखे जाने व आयोजन स्थलों के समीप संभव मोबाइल मेडिकल यूनिट रखने,आयोजन स्थलों पर आवश्यक प्रकाश व्यवस्था जैसे अन्य समुचित व्यवस्था को दुरुस्त रखने निर्देश दिए हैं।

पीओपी से यह है नुकसान

यह सामग्री पानी में घुलनशील नहीं होती। इनमें विषैले रसायन होते हैं,जिससे पानी प्रदूषित होता है। हानिकारक रंगों में भी जहरीले रासायन होते हैं। वहीं, मिट्टी से बनी मूर्तियां पानी में घुल जाती हैं। यह हानिकारक भी नहीं होती।