चुनौतियों के बीच समाज कल्याण की भावना ही सर्वोपरि : अरुण कुमार

चुनौतियों के बीच समाज कल्याण की भावना ही सर्वोपरि : अरुण कुमार

September 23, 2024 Off By NN Express

रायपुर। “रामराज्य  ऐसी समग्र राज्य व्यवस्था लिए हुए था जहाँ अकाल मृत्यु का भय नहीं था। सुखी, संपन्न जीवन में सभी को उनके श्रम और कार्य का समुचित फल प्राप्त होता रहा। जिस राज्य में दंड की जरूरत ही नहीं थी। न्याय धर्म आधारित था। जिन्हें आज अधम कहा जाता है उन्हें भी न्यायधीश बना दिया था।” 821वीं  संगीतमयी रामकथा का परायण करते हुए व्यासपीठ से अरुण कुमार जी ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा। ‘रामराज्य की कल्पना और वर्तमान चुनौतियों के समाधान में मानस की भूमिका  पर महाराजा अग्रसेन इंटरनेशनल कॉलेज आडिटोरियम में रामकथा का  आयोजन हुआ।

परहित में स्वहित की अवधारणा समाई हुई है। ऋग्वेद  सहित मानस में गोस्वामी ने जगत कल्याण को सर्वोपरि कहा।  मानस कथा कहते हुए अरुण कुमार ने कहा “मैं अपने कल्याण के लिए कथा कहता हूं जिसमें जगत कल्याण समाहित है। जीवन मोक्ष गामी होना चाहिए कि जो सभी के निहितार्थ है। राम दरबार की पूजित के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। अतिथि का स्वागत काते हुए ललित सिंघानिया ने कहा, आज समाजिक  समरसता का अभाव होता जा रहा है जिससे समाज कमजोर होता जा रहा है इसके समाधान के लिए मानस के प्रसंगों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए।

संगीतमयी रामयण की प्रस्तुति के साथ वर्तमान चुनौतियों का समुचित समाधान कार्यक्रम को सनातन हिंदू समाज, विश्व हिंदू परिषद, सहित नगर की 15 संस्थाओं ने आयोजन को मूर्त रूप दिया। पर्यावरण ऊर्जा टाइम्स के संपादक ललित सिंघानिया, पुरुषोत्तम सिंघानिया, रमेश अग्रवाल,आनंद मोहन ठाकुर, बजरंग सिंह बैस,संपत सिंह राजपूत, विकास ठाकुर, महेश देवांगन, महाराष्ट्र मंडल, विश्व हिन्दू परिषद् सहित बिलासपुर, कवर्धा से लोग सम्मिलित हुए। 

रामकथा की शुरुआत राम दरबार की पूजा के साथ की गई और राम आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम का संचालन रणवीर सिंह ने किया। अध्यक्षीय उदबोधन में अशोक अग्रवाल ने कहा कि “वर्तमान चुनौतियों के बीच हम मानस से प्रेरणा लेते हुए जगत कल्याण की भावना लेकर अपने जीवन को सफल और सुखद बना सकते हैं। अंत में सभी को धन्यवाद दिया।