सरकारी कर्मियों के DA बढ़ोतरी को लेकर बड़ा अपडेट, 15 अगस्त को मिल सकती है खुशखबरी…

सरकारी कर्मियों के DA बढ़ोतरी को लेकर बड़ा अपडेट, 15 अगस्त को मिल सकती है खुशखबरी…

August 2, 2024 Off By NN Express

रायपुर । छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों को इस महीने एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। लंबे समय से महंगाई भत्ते (डीए) का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों को 15 अगस्त को बड़ा अपडेट मिल सकता है। अनुमान है कि प्रदेश सरकार 4 प्रतिशत डीए बढ़ाने का ऐलान कर सकती है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार इस महीने कर्मचारियों की झोली भर सकती है।

हाल ही में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने संगठन महामंत्री पवन साय को बताया कि कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे नहीं होने से उनमें निराशा का माहौल है, जबकि सत्ता परिवर्तन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। संगठन महामंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को सुनकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया और वित्त मंत्री ओपी चौधरी तक कर्मचारियों की मांग पहुंचाई।

मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बकाया डीए के एरियर्स, एलबी संवर्ग सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के संदर्भ में भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वादे को पूरा करने की मांग की। उन्होंने राज्य के कर्मचारियों की सरकार से की जा रही अपेक्षाओं से भी अवगत कराया।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि चुनाव में किए गए वादों को पूरा करने के लिए सरकार को कुछ समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जो भी वादा किया है, उसे पूरा करेंगे। मंत्री चौधरी ने बताया कि चुनावी घोषणापत्र में किए गए “मोदी की गारंटी” के संदर्भ में चर्चा हुई। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही लंबित 4% महंगाई भत्ता देने का आदेश जारी किया जाएगा।

इस आश्वासन के बाद सरकारी कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि 15 अगस्त को सरकार बड़ी सौगात दे सकती है। गौरतलब है कि 16 जुलाई को इंद्रावती भवन नया रायपुर में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में प्रदेश भर से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अधिकारी संगठन एवं शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधि के अलावा सत्ता पक्ष के गैर राजनीतिक अनुषांगिक संगठन से जुड़े कर्मचारी नेता भी शामिल हुए थे।