राममय हुआ कबीरधाम : फूलों से सजा जानकी रमण देवालय, स्वागत में लगे भक्त

राममय हुआ कबीरधाम : फूलों से सजा जानकी रमण देवालय, स्वागत में लगे भक्त

April 16, 2024 Off By NN Express

कबीरधाम । प्रभु श्रीराम के प्राकट्य दिवस के उत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए राम भक्तों ने पूरी तैयारी कर ली हैं। कवर्धा पूरी तरह राममय हो गया हैं और श्रीराम के स्वागत में राम भक्त लग गए हैं। रामनवमी पर श्री जानकी रमण देवालय में विशेष पूजा एवं भंडारा किया जाएगा।

धर्मनगरी कवर्धा के कचहरी पारा स्थित प्रभु श्री जानकी रमण प्रभु देवालय (राम मंदिर) में प्रभु श्रीराम के प्राकट्य उत्सव की तैयारी पूरी है। शंकराचार्य जन कल्याण न्यास के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी चन्द्र प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि आज राम नवमी हैं, जिसे भगवान राम के जन्म के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष ट्रस्ट के द्वारा एवं कवर्धा वासियों के भरपूर उत्साह के सहयोग से इसे ऐतिहासिक बनाया जाता हैं, जहां सुबह से लोग दर्शन करने पुष्प फल भोग लेकर आते है व अपने आराध्य श्रीराम का दर्शन लाभ ले मनवांछित फल प्राप्त करते हैं।

जन्मोत्सव पूजा मुहूर्त
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पूजा के लिए आज 17 अप्रैल को शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से शुरू होगा और 1 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान श्रीराम का शास्त्रीय विद्वानों द्वारा मंत्रो उच्चार के साथ पंच गव्य से विशेष अभिषेक कर स्नान करा राजस्थान से मंगवाए गए स्वर्णरजित वस्त्र पहनाकर कर नवरत्न व सवर्ण के आभूषणों से सृंगार कर पूजा अर्चना किया जाएगा। इसे लेकर विशेष तैयारी की गईं हैं।

सनातनियों द्वारा मंदिर प्रांगण में ढोल बाजे व आतिशबाजी से करेंगे स्वागत
श्रीराम के जन्मोत्सव पर सनातनियों द्वारा मंदिर प्रांगण में आतिशबाजी की व्यवस्था की गई हैं। भगवान के आगमन पर भरपूर आतिशबाजी कर ढोल बाजे के साथ स्वागत करेंगे। वही, भक्त श्रीराम के धुन पर मगन रहेंगे। इसकी सम्पूर्ण व्यवस्था की गई हैं।

विशेष मालपुआ व पंजरी का लगेगा भोग
वही ट्रस्टी ने बताया जन्मोत्सव पश्चात रामलला का अभिषेक कर स्वर्णरजित वस्त्र व आभूषणों से शृंगार किया जाएगा और रामलला को सबसे प्रिय भोज मालपुआ व पंजरी का भोग लगाकर आरती की जाएगी, जिसके पश्चात प्रसाद स्वरूप भक्तों को वितरण किया जाना हैं।

बता दे कि कवर्धा में 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की गई और अब श्रीराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाना हैं। अयोध्या में रामलला के विराजमान होने के पश्चात यह पहला मौका हैं कि श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा हैं। यह सनातनी भक्तों के लिए बेहद खास पल हैं।