छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस अमृतसर से चलकर बिलासपुर में होगी समाप्त, 34 सालों बाद होगा ऐसा….
December 29, 2023कोरबा ,29 दिसम्बर I छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस अभी अमृतसर से चलकर बिलासपुर में समाप्त हो रही है, जबकि यह गाड़ी वापसी में कोरबा से अमृतसर बनकर दो साल पहले चलना शुरू हो चुकी है। बिलासपुर में समाप्त होने के कारण इस गाड़ी में सफर करने वाले कोरबा, चांपा, जांजगीर, अकलतरा के यात्रियों को वहां गाड़ी बदलनी पड़ रही है। यह सिलसिला हाल फिलहाल से नहीं वरन 34 सालों से बना हुआ है। इस बात से ही समझा जा सकता है कि इन स्टेशनों के यात्रियों को किस तरह की परेशानी हो रही है।
अब इस परेशानी पर विराम लगने की उम्मीद बंधी है, क्योंकि यात्री सुविधाओं को लेकर वर्षों से उपेक्षित कोरबा रेलवे स्टेशन पर बिलासपुर मंडल के अफसरों की नजरें इनायत होने वाली हैं। इस दिशा में काम शुरू करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व इस पर निर्णय आ जाएगा। इस संबंध में रेलवे प्रशासन द्वारा पहली बार किसी बैठक में हुए निर्णय को लिखित रूप में सार्वजनिक कर स्पष्ट किया है। बुधवार को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय ने वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (समन्वयक), वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (समन्वय) व वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता (समन्वय) के साथ विशेष बैठक बुलाकर वर्तमान में गाड़ियों के परिचालन की समीक्षा की।
समीक्षा के बाद चर्चा उपरांत कोरबा, चांपा, जांजगीर क्षेत्र के यात्रियों की अमृतसर से कोरबा तक सीधी यात्रा सुविधा सुनिश्चित करने छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का विस्तार कोरबा तक करने का निर्णय लिया। 1977 में शुरू हुआ था एक्सप्रेस का परिचालन छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की शुरुआत वर्ष 1977 में भोपाल-बिलासपुर के बीच छत्तीसगढ़ आंचल एक्सप्रेस के रूप में हुई थी। तब यह गाड़ी बिलासपुर-भोपाल (हबीबगंज) के बीच चलती थी। जो हबीबगंज में नवनिर्मित रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली पहली गाड़ी भी थी। 1980 में इसकी सेवा भोपाल जंक्शन फिर 1987 में हजरत निजामुद्दीन और नई दिल्ली तक बढ़ाया गया। पर्याप्त यात्रियों के साथ बढ़ती मांग के कारण इस गाड़ी को 1990 में अमृतसर तक विस्तार किया गया। तब से यह गाड़ी बिलासपुर-अमृतसर-बिला सपुर बनकर चल रही है।
इसके 34 साल बाद यह गाड़ी कोरबा-अमृतसर-कोरबा बनकर दौड़ेगी। 64 साल बाद रायगढ़ रूट से जुड़ेगा कोरबा कोरबा का रेलवे से नाता 1959-60 से है। समीक्षा बैठक में हुए निर्णय में कोरबा से रायगढ़ के मध्य सीधी ट्रेन चलेगी। हालांकि अभी इसमें समय लग सकता है। क्योंकि बालपुर से सारागांव के बीच रेलवे लाइन बनकर तैयार, उस पर गुड्स ट्रेनों के दौड़ते 6 साल हो चुके हैं। लेकिन कोचिंग ट्रेनों को चलाने के लिए इंस्पेक्शन होना शेष है। इसके लिए रेलवे बोर्ड से मंडल रेल प्रबंधक द्वारा अनुमति ली जाएगी। अनुमति मिलने पर ट्रैक का परीक्षण किया जाएगा। अधिकारियों की गंभीरता से यह लगता है कि 64 साल बाद वर्ष 2024 में कोरबा-रायगढ़ रूट सीधी यात्री ट्रेन सेवा से जुड़ेगा। वहीं हसदेव एक्सप्रेस में अतिरिक्त कोच बढ़ाने के निर्णय से अधिक भीड़ होने पर खड़े होकर यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा मिलने लगेगी। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के बिलासपुर में समाप्त होने पर अगले दिन इस गाड़ी का रैक स्पेशल पैसेंजर बनकर सुबह 7.30 बजे कोरबा के लिए रवाना होता।
इससे नागपुर व कटनी रूट से लंबी दूरी की यात्रा कर सुबह सुबह बिलासपुर पहुंचने कोरबा के लोगों के लिए यह काफी सुविधाजनक रहती है। शिवनाथ एक्सप्रेस की तरह इसका कोरबा तक विस्तार होने के बाद सुबह की स्पेशल पैसेंजर बंद हो जाएगी। वहीं सुबह स्पेशल पैसेंजर में आने वाले यात्रियों को शिवनाथ एक्सप्रेस, लिंक एक्सप्रेस या फिर 9.35 बजे की पैसेंजर में कोरबा आना पड़ेगा। इसके लिए उन्हें बिलासपुर में बैठकर इंतजार करना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस।