महादेव ऐप केस: ईडी ने दायर की चार्जशीट, प्रमोटरों समेत 14 लोगों के नाम शामिल, अब रडार पर 19 बॉलीवुड कलाकार
October 21, 2023Mahadev Betting App: महादेव ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 44 और 45 के तहत 14 लोगों के खिलाफ अपनी पहली चार्जशीट दायर की है. ईडी के वकील सौरभ पांडे ने न्यूज18 से इसकी पुष्टि की है. ईडी ने 197 पन्नों की चार्जशीट दायर की है. सबूत के रूप में 8,800 से अधिक पेज के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि घोटाला 6,000 करोड़ रुपये का हो सकता है. ईडी ने अपराध की आय के रूप में कुल 41 करोड़ रुपये पहले ही अस्थायी रूप से जब्त किए हैं.
नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 44 और 45 के तहत 14 लोगों के खिलाफ महादेव ऐप (Mahadev App) ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में अपनी पहली चार्जशीट दायर की है. जांच एजेंसी ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने न्यूज18 से इसकी पुष्टि की है. ईडी की 197 पन्नों की चार्जशीट में सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, विकास छापरिया, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, सृजन एसोसिएट्स के जरिये से पुनाराम वर्मा, शिव कुमार वर्मा, पुनाराम वर्मा, शिव कुमार वर्मा, यशोदा वर्मा और पवन नैथानी का नाम आरोपियों की लिस्ट में शामिल है. सबूत के रूप में 8,800 से अधिक पेज के दस्तावेजों का हवाला दिया गया है.
ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि घोटाला 6,000 करोड़ रुपये का हो सकता है. ईडी ने अपराध की आय के रूप में कुल 41 करोड़ रुपये पहले ही अस्थायी रूप से जब्त किए हैं. घोटाले के कथित किंगपिन और महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को ईडी ने मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामित किया है. एजेंसी ने दोनों पर ऐप के जरिए जुआ खेलने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है. आरोपी सतीश चंद्राकर को रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के दुबई भाग जाने पर महादेव ऐप के संचालन में मदद करने के लिए नामित किया गया है. पांडेय ने बताया कि ‘सतीश ने पैसे दिए और महादेव ऐप के लिए आईडी खरीदी. इस आईडी का उपयोग ऐप का उपयोग करके दूसरों को दांव लगाने के लिए किया जाता था. आय को सतीश चंद्राकर और दुबई स्थित प्रमोटरों द्वारा 70-30 फीसदी के हिसाब से बांटा गया था.’
बॉलीवुड के कलाकारों पर नजर
एक पुलिसकर्मी चंद्रभूषण राय को भी ऐप से अपराध की आय को वैध बनाने और संदिग्धों के बचाव के लिए एक पुलिसकर्मी के रूप में अपनी स्थिति का कथित रूप से दुरुपयोग करने के लिए नामित किया गया है. राय के रिश्तेदारों के उद्यमों का इस्तेमाल कथित तौर पर धन शोधन के लिए किया गया था. उसका नाम भोपाल में एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक के साथ भी लिया गया है. पांडेय ने बताया कि जांच का अगला चरण बॉलीवुड सितारों, प्रभावशाली लोगों और टीवी अभिनेताओं पर केंद्रित है. जिन्हें कथित तौर पर ऐप को बढ़ावा देने के लिए हवाला के जरिये भुगतान किया गया था. ईडी के अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 19 ए-लिस्टर्स, जिनमें सौरभ चंद्राकर की शादी में प्रोग्राम करने वाले लोग भी शामिल हैं, रडार पर हैं. पांडेय ने अभियोजन शिकायत दर्ज होने के बाद रायपुर जिला अदालत में News18 को बताया कि ‘इनमें रणबीर कपूर, श्रद्धा कपूर और हुमा कुरेशी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है लेकिन वे सहयोग नहीं कर रहे हैं. हम अपने पास मौजूद कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.’ अदालत 25 नवंबर को इस पर फैसला कर सकती है.
राजनीतिक संरक्षण पर बवाल
ईडी के वकील ने कहा कि जांच का अगला चरण महादेव ऐप के प्रमोटरों को राजनीतिक संरक्षण के आरोपों को उजागर करना होगा. उन्होंने कहा कि ‘इस बात के सबूत हैं कि छत्तीसगढ़ में कुछ पुलिसकर्मियों ने सक्रिय रूप से आरोपियों के साथ मिलीभगत की और उन्हें सुरक्षा प्रदान की. यह जांच का विषय है कि क्या यह राजनीतिक आकाओं के इशारे पर किया गया था.’ गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर में अपनी चुनावी रैलियों के दौरान घोषणा की थी कि घोटाले में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा. उनके बयान का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी सरकार की जांच के कारण रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया गया था. उन्होंने पूछा कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही हैं? इस बीच पांडेय ने कहा कि जांच एजेंसी ईडी जल्द ही उप्पल और चंद्राकर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करेगी.