भस्म आरती के दौरान महाकाल का किन-किन चीजों से करते हैं अभिषेक, जानें किस अखाड़े के लोग करते हैं आरती
October 10, 2022शिव के विभिन्न रूपों में से एक महाकाल तीर्थ नगरी उज्जैन में विराजमान है। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती के समय मंदिर के कपाट दर्शन करने के लिए खोले दिए जाते हैं। महाकाल को उज्जैन का राजा भी कहा जाता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का वर्णन शिव पुराण सहित कई अन्य ग्रंथों में मिलता है।
सबसे पहले महाकाल को ठंडे जल से स्नान कराया जाता है। उसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। स्नान के बाद महाकाल का फूल, भस्म और माला से बेहद सुंदर श्रृंगार किया जाता है। शिव के इस अलौकिक स्वरूप का श्रृंगार बेहद मनमोहक होता है। महाकाल को रुद्राक्ष से बनी माला अर्पित की जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भस्म आरती होने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जो दक्षिण मुखी है। दक्षिण दिशा का स्वामी यमराज है इसलिए इस सभी ज्योतिर्लिंगो को विशेष महत्व दिया गया है। यमराज यानी काल का स्वामी इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को महाकाल भी कहा जाता है।
उज्जैन के लोग महाकाल को अपना राजा मानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कोई भी शुभ काम करने से पहले महाकाल को निमंत्रण दिया जाता है। ऐसा करने से कोई भी मुश्किल काम आसान हो जाता है और स्वयं महाकाल अपना आयोजन पर अपना आशीर्वाद देने आते हैं। महाकाल मंदिर में भस्म आरती निर्वाणी अखाड़ा के लोग करते हैं।