MBA करने के बाद नौकरी नहीं लगी, अब क्या करूं? जानें करियर एक्सपर्ट का जवाब
October 6, 2022कई बार प्राइवेट यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद प्लेसमेंट नहीं हो पाता। जॉब पोर्टल के जरिए आवेदन करने के बाद भी नौकरी नहीं लग पाती। उनके सामने ‘अब आगे करियर में क्या करें’ का प्रश्न खड़ा हो जाता है। जबकि एमबीए डिग्रीधारकों के लिए नौकरियों के अवसर की कमी नहीं है। बस जरूरत होती है सही मार्गदर्शन की।
जानें एक्सपर्ट का क्या दिया इस समस्या का उत्तर – नेटवर्किंग से बढ़ाएं अपने मौके- यह सही है कि कोविड के समय देश में रोजगार के हालात बहुत बुरे थे, परन्तु अब परिस्थितियां ठीक हो रही हैं और सरकारी व निजी कम्पनियां अब पुन बड़े पैमाने पर नियुक्तियां कर रही हैं। ऐसे माहौल में कुछ प्रयास करके आप कोई अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। आपके जो मित्र विभिन्न कंपनियों में कार्यरत हैं, उनसे संपर्क कर वहां उपलब्ध रिक्तियों की जानकारी लें और फिर आवेदन करें। इसके लिए उस कंपनी के एचआर मैनेजर से संपर्क करें। लगभग प्रत्येक स्तरीय कंपनी अपने वेबसाइट पर करियर नाम का एक ऑप्शन देती है, जिसमें जाकर आप अपना रेज्यूमे अपलोड कर दें, ताकि कंपनी आपको संपर्क कर सके। यही नहीं, कई ऑनलाइन जॉब पोर्टल आपको विभिन्न रिक्तियों की जानकारी देते हैं। खुद को वहां रजिस्टर करें। यदि आपकी रुचि सरकारी सेवा में है, तो नियमित रूप से ‘रोजगार समाचार’ पर नजर बनाये रखें, ताकि नई सरकारी रिक्तियों की जानकारी आपको मिलती रहे। उपरोक्त संयुक्त प्रयासों से आपके सामने मौके आएंगे।
प्रश्न – मैं अभी एक विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग कर रही हूं। करियर के लिहाज से सिविल इंजीनियरिंग का क्षेत्र कैसा है?- प्रारम्भिका कुमारी
एक्सपर्ट का उत्तर – जब भी इंफ्रास्ट्रक्चर से सम्बंधित कोई भी योजना बनायी जाती है, तो उसमें महत्वपूर्ण भूमिका एक सिविल इंजिनियर की होती है, क्योंकि उसी के जिम्मे डिजाइन, प्लानिंग और कंस्ट्रक्शन का काम होता है। चाहे हम किसी भवन, मॉल, सड़क, पुल इत्यादि की बात करें या एअरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, स्कूल, अस्पताल इत्यादि की, एक सिविल इंजीनियर यह तय करता है कि इसके लिए जरूरी स्ट्रक्चर कैसा होगा और उसमें किस प्रकार का कितना रॉ मैटीरियल इस्तेमाल होगा। सिविल इंजीनियर यह भी तय करता है कि सरकार द्वारा तय मानकों को ध्यान में रखते हुए कैसे भवन या इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाना चाहिए। वह कंस्ट्रक्शन के पूरे होने तक तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराता रहता है, ताकि काम की गुणवत्ता को बरकरार रखा जा सके। भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर निरंतर बल दिया जा रहा है। इस लिहाज से सिविल इंजीनियरिंग का क्षेत्र बेहद संभावनाओं वाला है। जहां एक ओर आप किसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनी में जॉब कर सकती हैं, वहीं खुद की कंसल्टेंसी फर्म भी स्थापित कर सकती हैं। यदि आप खुद की प्रैक्टिस करती हैं, तो आपको निरंतर आर्किटेक्ट और छोटे रियल एस्टेट डेवलपर्स के संपर्क में रहना होगा, ताकि वहां से आपको काम मिलता रहे।