हो गया क्लियर, कब सस्ते होंगे पेट्रोल और डीजल, जानें कितना करना होगा इंतजार
June 9, 2023साल 2023 में कच्चे तेल के दाम में बड़ी कटौती देखने को मिल चुकी है. ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम भी 75 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं रूस से आ रहे डिस्काउंट ऑयल की सप्लाई रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुकी है. उसके बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है.
लेकिन अब शायद ऐसा लग रहा है कि आखिर लोगों को सस्ता फ्यूल मिलना शुरू हो जाए. इस पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के अधिकारियों ने अपना मत प्रकट कर दिया है. उन्होंने साफ संकेत दिए हैं आखिर पेट्रोल और डीजल की कीमत कटौती कब देखने को मिलेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस बारे में ओएमसीज की ओर से किस तरह के बयान सामने आए हैं.
पिछले साल फ्रीज हैं पेट्रोल और डीजल के प्राइस
सरकारी ऑयल कंपनियों के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि क्रूड ऑयल के इंटरनेशनल प्राइस में कमी आने से पेट्रोल और डीजल पर मार्जिन बढऩे के बाद इनकी रिटेल प्राइस में कटौती तभी देखने को मिलेगी, जब पिछला साल हुआ उनका घटा पूरा हो जाएगा. तीनों ओएमसी ने फ्यूल की कीमत में बदलाव पर पिछले साल से रोक लगाई हुहै. कंपनियों की ओर से अपनी कॉस्टिंग के हिसाब से प्राइस को रिवाइज्ड नहीं किया है.
वास्तव में पिछले साल इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम रिटेल फ्यूल से भी ज्यादा हो गए थे, उसकी वजह से ओएमसीज को काफी नुकसान हुआ था. अब जब क्रूड ऑयल के दाम कम हुए हैं तो वह फ्यूल प्राइस को कम ना करते हुए अपने नुकसान की भारपाई में जुटी हुई हैं. देश की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनियां रिटेल में पेट्रोल और डीजल बेचती हैं.
पेट्रोल पर कब से प्रॉफिट में है कंपनियां
जानकारी के अनुसार तीनों सरकारी कंपनियां पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से पेट्रोन पर प्रॉफिट पर आ गई थी. वहीं डीजल पर तब भी कंपनियों को नुकसान हो रहा था. वहीं पिछले महीने से ऑयल कंपलियां डीजल पर भी 50 पैसे प्रति लीटर के प्रॉफिट पर आ गई. कंपनियों का यह कहना है कि मौजूदा समय में जितना प्रॉफिट हो रहा है उससे पिछले साल के नुकसान की भरपाई कर पाना मुश्किल है.
मार्च 2022 में रूस रूस-यूक्रेन वॉर के बाद कच्चे तेल की इंटरनेशनल प्राइस 139 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे. जिसमें तब से अब तक करीब करीब 50 फीसदी यानी 60 से 70 डॉलर प्रति बैरल की कमी आ चुकी है. मौजूदा समय में 75 से 76 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. अगर साल 2023 की बात करें तो कच्चे तेल के दाम 12 फीसदी कम हो चुके हैं.
नुकसान के बाद कैसे बढ़ रहा मार्जिन
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम हाई पर चले जाने से ऑयल कंपनियों को पेट्रोल पर 17.4 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा था और डीजल पर यही नुकसान 27.7 रुपये प्रति लीटर था. वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतों में कटौती देखने को मिली और पेट्रोल पर कंपनियों को 10 रुपये प्रति लीटर का फायदा होने लगा.
लेकिन डीजल पर तब भी 6.5 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा था. चौथी तिमाही में पेट्रोल पर फायदा 10 रुपये से कम होकर 6.8 रुपये पर प्रति लीटर पर आ गया, लेकिन डीजल पर 50 पैसे प्रति लीटर का फायदा शुरू हो गया.
कब से सस्ता हो सकता है पेट्रोल और डीजल?
अधिकारियों की मानें तो पिछले साल के नुकसान की भरपाई करने के साथ सरकारी तेल कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों में नजर बनाए हुए हैं. उसका कारण है प्रोडक्शन कट के ऐलान जो ओपेक देशों और रूस और दूसरे सहयोगी देशों की ओर से किए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि वो एक और तिमाही तेल की कीमतों में नजर रखना चाहती हैं.
अगर उस दौरान कच्चे तेल के दाम मौजूदा लेवल के आसपास रहते हैं तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती करने का फैसला लिया जा सकता है.