21 लाख लीटर पानी से महंगा है ये आईफोन ! छुट्टियां मनाने गए खाद्य अधिकारी का जलाशय में गिरा फोन, पंप मंगाकर निकलवा दिया 21 लाख लीटर पानी…. डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई का पानी बर्बाद.…
May 26, 2023रायपुर, 26 मई । कांकेर जिला के पखांजूर से एक बड़ी हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है जिससे जाहिर हो रहा है कि अधिकारी किस तरह अपने पद का दुरुपयोग कर संसाधनों की बर्बादी करने पर आमादा हो जाते हैं। एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किसानों की सिंचाई के लिए रखे लाखों लीटर पानी को बर्बाद कर दिया। वजह है उनका डेढ़ लाख रूपए का फोन।
साहब का नाम है राजेश विश्वास और ये पखांजूर में फ़ूड इन्स्पेक्टर के पद कर कार्यरत हैं। दरअसल, ये अपने दोस्तों के साथ रविवार को पार्टी करने गए हुए थे, इसी दौरान परलकोट जलाशय में उनका मोबाइल फोन गिर गया। अधिकारी ने आनन-फानन में गोताखोरों को बुलाकर फोन की खोजबीन शुरु कराई लेकिन कई घंटों की मशक्कत के बाद फोन नहीं मिला।
जिसके बाद अधिकारी ने सिंचाई विभाग से पंप मंगवाकर जलाशय का सारा पानी निकलवा दिया। इस पानी को निकलवाने के लिए वे चार दिनों तक धूप में छाता लगाकर अपनी आखों के सामने ही पानी से भरे लबालब जलाशय को सुखा दिया। उनके डेढ़ लाख के फोन की कीमत आंकने पर 21 लाख लीटर पानी के बराबर निकली।
जिस पानी को अधिकारी ने अपने फोन की खोजबीन के लिए बर्बाद कर दिया उससे डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी। इस मामले के संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने जांच के आदेश दे दिया हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिवेदन मंगवाया गया है, प्रतिवेदन के बाद अधिकारी पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ट्वीट कर लिखा – दाऊ bhupeshbaghel की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं।
आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं अधिकारी अपने मोबाईल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी।
अब लाखों लीटर बर्बाद पानी को तो वापिस नहीं लाया जा सकता लेकिन जिन किसानों का पानी बर्बाद हुआ है उसकी भरपाई किस प्रकार हो पाएगी इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। बता दें कि अभी गर्मी का मौसम है और इस भीषण गर्मी में किसानों को अपने खेत की सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है ऐसे में इस तरह पानी की बर्बादी करना और अपने पद का दुरुपयोग करना बेहद संवेदनशील मामला है।