Breaking News : एम्बुलेंस की राह देखते- देखते हो गयी मरीज की मौत….
May 16, 2023धनबाद में अचानक हुए ब्रेन हेमरेज के बाद एम्बुलेंस की राह देखते- देखते मरीज की मौत हो गयी। एम्बुलेंस अगर सही समय पर पहुंच जाता ,तो उसकी जान बच जाती। परिजन लगातार 108 पर संपर्क करते रहे लेकिन सही समय पर उनके पास मदद नहीं पहुंची। धनबाद में मनाइटांड़ में रहने वाले 73 साल के केसर साव की मौत हो गयी। मंगलवार की सुबह पांच बजे अचानन ब्रेन हेमरेज हुआ। जिसके बाद आसपास के लोगों की मदद से मरीज को अस्पताल ले जाया गया। चिकित्सकों ने उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद से परिजन लगातार एम्बुलेंस के लिए प्रयास करते रहे लेकिन उन्हें नहीं मिला। इंतजार करते- करती मरीज की मौत हो गयी।
मिलती मदद तो बच जाती जान
परिजन इस घटना के बाद गुस्से में हैं कि इस लापरवाही का परिणाम उन्हें भुगतना पड़ा। वेंटीलेटर समेत अन्य सुविधाओं से लैस 108 के 28 एम्बुलेंस अपनी सेवा दे रहे है लेकिन सही समय पर एम्बुलेंस का मौजूद ना होना इस सुविधा पर सवालिया निशाना लगा रहा है। परिजनों का आरोप है कि 108 एम्बुलेंस अब प्राइवेट अस्पतालो में भी सेवा दे रहे हैं यही वजह है कि अगर कोई सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस के लिए फोन करता है तो उन्हें समय पर यह सुविधा नहीं मिलती।
मरीज को वेंटिलेटर के साथ रिम्स रेफर किया गया था
परिजनों ने बताया कि सुबह तकरीबन 5 बजे ब्रेन हैमरेज हुआ। इलाज के लिए मरीज को एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया। जहाँ डॉक्टरों ने उनके हालात को देखते हुए रांची रिम्स रेफर कर दिया। मरीज को वेंटिलेटर के साथ रांची ले जाने की सलाह डॉक्टरों ने दी। 108 एम्बुलेंस में कई आधुनिक सुविधाएं हैं। परिजन लगातार 108 पर कॉल कर एम्बुलेंस से संपर्क साधने की कोशिश करते रहे, लेकिन एक घंटा से भी अधिक समय बीत जाने के बाद कर्मियों ने बताया कि अभी कोई एम्बुलेंस मौजूद नहीं है। एम्बुलेंस के इंतजार में मरीज ने दम तोड़ दिया। एम्बुलेंस के एक चालक का कहना है कि शहर में लगभग 28 एम्बुलेंस कार्यरत है। जो कि 24 घंटे अपनी सेवा दे रहे हैं। लेकिन कभी-कभी एम्बुलेंस अत्यधिक बिजी होता है, जिस कारण हम समय से नही पहुंच पाते है।
हवा में चल रहे हैं एम्बुलेंस लेकिन जमीन पर…
राज्य में एम्बुलेंस की सुविधा को और बेहतर करने की कोशिश की जा रही है। एयर एम्बुलेंस की शुरुआत की गयी है, जिससे राज्य के मरीज बेहतर इलाज के लिए दूसरे राज्यों का भी रुख कर सकें। कई आधुनिक सुविधाओं से अस्पतालों को लैस करने की कोशिश है लेकिन राज्य में अगर सही समय पर मरीजों को एम्बुलेंस ही ना मिले तो इन सुविधाओं का लाभ उन्हें कैसे मिलेगा।