Suniel Shetty: किसने चुने थे अथिया शेट्टी की शादी के आउटफिट, सुनील शेट्टी ने खोला राज
February 26, 2023हिंदी सिनेमा में करीब तीन दशक से सक्रिय सुनील शेट्टी की छवि एक्शन-रोमांटिक हीरो की रही है। वह हाल ही में एमएक्स प्लेयर पर शुरू हुए एमएमए रियलिटी शो ह्यकुमिते 1 वारियर हंट प्रस्तुत करते नजर आए। बेटी अथिया की शादी के बाद काम पर लौटे सुनील से उनके शो और विभिन्न विषयों पर दीपेश पांडेय की बातचीत के अंश…
बेटी अथिया की शादी के मौके पर मीडिया के साथ भी आप लोग बड़ी सादगी और विनम्रता से मिले
छोटा सा समारोह था, स्वजन और करीबियों के बीच। सब कुछ अच्छा रहा, हम सारे अतिथियों की अच्छी तरह देखभाल कर पाए। हमारा यह निर्णय लेना सही रहा कि शादी समारोह को छोटा और साधारण ही रखें। मीडिया ने हमें, अहान (बेटे), माना (पत्नी) सभी को हमेशा खूब प्यार दिया है। मेरे 30 साल के करियर में कभी ऐसा नहीं हुआ कि हमारे बारे में कुछ गलत चीजें जान-बूझकर लिखी गई हों। तो लगा कि मुझे भी उनसे ईमानदारी और विनम्रता से पेश आना जरूरी है।
शादी में आपकी दक्षिण भारतीय पारंपरिक वेशभूषा ने काफी ध्यान आकर्षित किया, क्या वह आपका निर्णय था?
जी। मैं जब भी शादियों या किसी पूजा समारोह में जाता हूं, तो लोगों को मुंडू (धोती) पहने देखता हूं। मैं भी चाहता था कि मुंडू पहनूं। मेरे डिजाइनर नवीन ने सही रंग चुना, जो मुझे बहुत पसंद आया। कई लोगों ने मुझसे कहा कि वह मेरी सबसे अच्छी ड्रेसेज में से एक है। वैसे भी आभूषण हों या कपड़े भारतीयों से अच्छा फैशन और कहां हो सकता है। सूट और हमारे पारंपरिक परिधानों में जमीन- आसमान का अंतर है।
मिक्स मार्शल आर्ट्स (एमएमए) का हमारे देश में क्या भविष्य देखते हैं?
वर्तमान में हमारे देश में एक खेल के तौर पर एमएमए भले ही ज्यादा लोकप्रिय न हो, लेकिन कुश्ती, मुक्केबाजी, मार्शल आर्ट्स तो पहले से ही बहुत लोकप्रिय हैं। एमएमए इन सब खेलों की मिली-जुली खेलस्पर्धा है। एमएमए में हम बॉक्सर और पहलवान को एक ही रिंग में लड़ते देख सकते हैं। मैं इसमें कुश्ती को सबसे खतरनाक खेल मानता हूं। पहलवानों के पंजे में आ जाए, तो अच्छे-अच्छे लड़ाके भी नहीं निकल सकते हैं। कुश्ती और मुक्केबाजी में तो हमारे खिलाड़ियों ने ओिलंपिक स्तर पर लोहा मनवाया है। जल्द ही एमएमए में भी भारत से वैश्विक स्तर के चैंपियन निकलेंगे।
बतौर एक्शन हीरो स्थापित होने में मार्शल आर्ट्स की क्या भूमिका देखते हैं?
मार्शल आर्ट्स का बहुत बड़ा योगदान है, क्योंकि वही मेरा आधार था। हड्डी टूटना, उसका दोबारा जुड़ना और वापस काम पर जाना, एक फाइटर की ही बात हो सकती है। इसीलिए मैं मार्शल आर्ट्स को हमेशा शुक्रिया कहूंगा। इसने मुझे अच्छा शरीर दिया, संतुलित आहार खाना सिखाया, अनुशासन सिखाया, आत्मविश्वास दिया, अपनी अकड़ तोड़ना सिखाया। मैं मार्शल आर्ट्स के जिस प्रारूप ओकिनावा से आया हूं, उसे सीखने के लिए गुरु की जरूरत होती है। परवेज मिस्त्री मेरे गुरु थे, जिन्होंने हमेशा कहा कि बेटा आप कितने भी मजबूत हो, उसका प्रदर्शन नहीं करना। जब आवश्यकता पड़े, तभी दिखाना। ऊपरवाले की दया से मुझे कभी अपनी मजबूती दिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।
अपना पहला एक्शन सीन शूट करने को लेकर क्या यादें हैं?
अपना पहला एक्शन सीन शूट करते समय मैं चिंतित था, लेकिन आत्मविश्वास भी था कि मेरे मार्शल आर्ट्स की वजह से ही मुझे मौका मिला है। पहली ही फिल्म के एक्शन सीन में मुझे पांच-छह फाइटर्स के साथ लड़ना था, उसमें मैंने कांच तोड़ने समेत बाकी सारी चीजें कीं। मैं मार्शल आर्ट्स में प्रशिक्षित था, बाकी लोग मेरे जितने अच्छे नहीं थे तो मेरे लिए अपनी परफार्मेंस उनकी तरह ही रखना बहुत जरूरी था। मुझे डर था कि कहीं किसी को चोट न लग जाए। उसके लिए मैंने काफी रिहर्सल की थी।
शो में आपने भरोसे की बात की, वह कौन सा भरोसा था, जिससे आप सिनेमा इंडस्ट्री में तीन दशक तक टिके रहे?
खुद पर भरोसा, आपके दोस्त और साथियों द्वारा हासिल की जा रही उपलब्धियों पर भरोसा। उनसे जलन नहीं, उन पर भरोसा करना चाहिए। मुझे विश्वास है कि अक्षय कुमार, शाह रुख खान, सलमान खान और अजय देवगन जैसे मेरे साथी कलाकार आज भी अपने समर्पण के कारण अच्छा काम कर रहे हैं। मुझे उनकी प्रतिभा पर भरोसा है। स्वयं पर भी उतना ही भरोसा है कि एक दिन मैं भी उस स्तर पर पहुंच सकता हूं। इसके लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मेरे भरोसे को जिंदा रखा।