कटाई उपरांत अलसी डंठल के प्रसंस्करण पर किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
February 23, 2023बेमेतरा 23 फरवरी I रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना-अलसी, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर, कृषि महाविद्यालय तथा कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा के संयुक्त तत्वाधान में कटाई उपरांत अलसी डंठल के प्रसंस्करण पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन बीते दिनों किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम आई.सी.ए.आर. एनएएचईपी-डब्ल्यू2डबल्यू द्वारा किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के अधिष्ठाता तथा पी. आई डॉ. एम. पी ठाकुर ने बताया कि किसान भाई अलसी की खेती से आमदनी लेने के साथ-साथ अलसी के डंठल से भी मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि अलसी के डंठल से रेशा, धागा तथा कपड़ा बनाया जा रहा है। मुख्य अतिथि राजेश दुबे, भूतपूर्व सरपंच ग्राम बटार ने कहा कि वर्तमान स्थिति में अलसी से कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं तथा डंठल बेचकर भी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।
अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना- अलसी के वैज्ञानिक डॉ. नंदन मेहता, डॉ. संजय द्विवेदी, डॉ. आशुलता कौशल ने इस प्रशिक्षण में अलसी की वैज्ञानिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की एवं बताया कि अलसी में उन्नत तकनीकों को किस तरह से उपयोग करके उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। डॉ. के. पी. वर्मा, नोडल आफिसर आई.सी.ए.आर. ने अलसी के रेशे प्राप्त करने के लिए अलसी की कटाई का तरीका तथा रेशे अलग करने की तकनीकी जानकारी दी। इस कार्यक्रम में लगभग 87 कृषक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में परियोजना, कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा तथा महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।