सरकार करेगी रजिस्ट्री शून्य, नेता-अफसरों का करोड़ों का निवेश पानी में
January 18, 2023रायगढ़। जिले में कोई बड़ा प्रोजेक्ट आए तो इसे लूटने का सबसे पहले प्लान अधिकारी और नेता ही बनाते हैं। गरीब आदिवासी अपनी जमीन इन दोनों से बचा ले तो बहुत बड़ी बात है। दबाव डालकर ग्रामीणों की जमीनें टुकड़ों में बिकवाने के लिए दलाल पाले जाते हैं, तब कहीं जाकर महाजेंको घोटाला होता है। हालांकि इस बार सरकार सारी गलत रजिस्ट्रियां शून्य कर भूमि मूल स्वामी के नाम पर करने की कार्रवाई कर सकती है।
महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को रायगढ़ जिले में गारे पेलमा सेक्टर 2 कोल ब्लॉक आवंटित हुआ है। इसके लिए तमनार के 14 गांवों की करीब ढाई हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है। महाराष्ट्र को बिजली आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने यह खदान आवंटित की है, जिसका एमडीओ अडाणी इंटरप्राइजेस को मिला है। खदान आवंटन के एक साल बाद ही जमीनों की अवैध खरीदी-बिक्री के लिए दलालों को सक्रिय कर दिया गया था। रोडोपाली, मुड़ागांव, पाता, बांधापाली, सरसमाल, सराईपाली, टिहलीरामपुर, कुंजेमुरा आदि समेत 14 गांवों में निजी भूमि का भूअर्जन होना है। इसके पहले ही एसडीएम से जमीन बेचने की अनुमति लेकर उसे टुकड़ों में बेच दिया गया।एक ही खसरा नंबर की जमीन के कई टुकड़े किए गए। कलेक्टर के प्रतिबंध लगाने के बावजूद तत्कालीन एसडीएम और तहसीलदार ने मिलकर कुचक्र रचा। कई अफसरों ने अपने करीबियों और नातेदारों के नाम पर जमीनें खरीदी हैं। किसी ने अपने बाप के नाम पर दस डिसमिल खेत खरीदा है, तो किसी ने बीवी को खरीदार बनाया। लाखों के मुआवजे के लालच में कई राजस्व अधिकारियों ने ही जमीनें खरीद लीं। इसकी जांच के आदेश कलेक्टर रानू साहू ने दिए हैं।पहले एसडीएम घरघोड़ा डिगेश पटेल ने इसकी जांच की और अब रोहित सिंह इसे आगे बढ़ा रहे हैं। पिछले पांच साल में हुई रजिस्ट्रियों की पूरी डिटेल निकाली गई है। कहा जा रहा है कि एनटीपीसी लारा और तलाईपाली रेल लाइन की तर्ज पर यहां भी टुकड़ों में रजिस्ट्रियों को शून्य करने की कार्रवाई की जाएगी।
हर घोटाले में रजिस्ट्री शून्य करने की कार्रवाई
एनटीपीसी लारा और तलाईपाली रेल लाइन घोटाला करोड़ों का था। इसमें भी रायगढ़ के कई सेठों और दलालों ने जमीनें टुकड़ों में खरीदी थी, ताकि उन्हें चार गुना मुआवजा मिल सके। जांच हुई तो खाते निरस्त कर पूरी जमीन मूल भूमिस्वामी के नाम की गई। एनटीपीसी की ओर से बोनस वसूली की कार्रवाई की जानी है। एनटीपीसी तलाईपाली की ओर से रजिस्ट्री शून्य करने के लिए मुकदमा दायर किया जा रहा है। महाजेंको के मामले में भी सरकार जांच के बाद ऐसी ही कार्रवाई कर सकती है।
सरकार से छिपकर खरीदी थीं जमीनें
जांच के दौरान खरीदारों के नाम देखकर वर्तमान और पूर्व दोनों एसडीएम की आंखें चौड़ी हो गईं। कोई उनका सीनियर है तो कोई बैचमेट तो कोई जूनियर। इन अधिकारियों ने अपने मां-बाप, बेटा-बेटी, पत्नी, भाई, बहन, साला, साली आदि के नाम पर जमीनें खरीदी हैं जिसकी जानकारी सरकार को नहीं दी गई है। बेनामी संपत्ति का मामला ईडी की नजर में भी आ सकता है, क्योंकि जमीन के बदले किया गया भुगतान कैश में हुआ है।