जिले के स्थानीय निवासी महिला कर्मचारी व आदिवासियों के विरूद्ध व्यक्तिगत टीका-टिप्पणी व अभद्र भाषा का उपयोग बर्दाश्त नहीं की जाएगी : डॉ किरणमयी नायक
September 21, 2022BIJAPUR :- 21 सितम्बर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर किरणमयी नायक व सदस्य नीता विश्वकर्मा, अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में जिला कार्यालय के सभाकक्ष में जनसुनवाई हुई जिले से प्राप्त तीन प्रकरणों की सुनवाई की गई, जिसमें एक प्रकरण मानसिक प्रताडऩा अंतर्गत जेबा नाज शेख (स्टाफ नर्स) विरूद्ध गौरी हूसैन (स्टाफ नर्स) कार्यरत संस्थान जिला चिकित्सालय बीजापुर के प्रकरण को आपसी रजामंदी के तहत नस्तीबद्ध किया गया।
वहीं दुसरी प्रकरण मानसिक प्रताडऩा अंतर्गत आवेदिका छांया गौतम सहायक ग्रेड -2 कार्यरत संस्थान उप संचालक पशुचिकित्सा विभाग बीजापुर की ओर से अनावेदक गुप्तेश्वर जोशी पत्रकार व लोकेश झाड़ी पत्रकार के विरूद्ध मानसिक प्रताडऩा का आवेदन अंतर्गत आवेदिका ने अनावेदक के उपर मानसिक प्रताडऩा व मानहानि का आरोप लगाया अनावेदक पक्ष ने सूचना के अधिकार के तहत आवेदिका के विरूद्ध सिविल सेवा आचरण अधिनियम के विरूद्ध कार्य करने पर कलेक्टर को शिकायत करने की बात कही उभय पक्षों के बयान के आधार पर आवेदिका छाया गौतम के विरूद्ध विभागीय जांच प्रक्रियाधीन होने की दशा में माननीय अध्यक्ष द्वारा विभागीय जांच पूर्ण होने तक प्रकरण को लंबित रखने की बात कही। जांच में आवेदिका निर्दोष सिद्ध होने की दशा में अनावेदक के विरूद्ध दीवानी और अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की समझाईश आवेदिका को दी गयी।
तीसरा प्रकरण कार्यस्थल पर प्रताडऩा के तहत आवेदिका पुष्पा गांधरला ने अनावेदकरंजित सिंह जिला ससन्वयक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण जिला बीजापुर के ऊपर गंभीर आरोप लगाए आवेदिका ब्लाक समन्वयक के पद पर कार्यरत थी। अनावेदक रंजित सिंह की ओर से मानसिक प्रताडऩा अभद्र भाषा का उपयोग करने के कारण पद से इस्तीफा दे चूकि है।
आवेदिका के अलावा अन्य सात कर्मचारी जिनमें से तीन कर्मचारी ने इस्तीफा दे चुके हैं और चार कार्यरत कर्मचारियों द्वारा रंजित सिंह के उपर आरोप लगाया गया है। कि उनके द्वारा कर्मचारियों को अपनी शक्ल आईने मे देखो, तुमको शर्म आनी चाहिए, बीजापुर के आदिवासी किसी काम के लायक नहीं है इस तरह से गाली गलौच और दुव्र्यवहार व अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है।
इन्हीं कारणों से रजिंत सिंह के कार्यकाल के दौरान सन 2016 से 2022 तक कुल 17 लोग काम छोड़े कुछ ने इस्तीफा दिया तो कुछ लोगों को काम से निकाला गया। बयान देने वाले कर्मचारियों में छविता देवांगन, आलम राजकुमार, इश्वर राव गोरला, धर्मेन्द्र गटपल्ली, मनकु राम तेलम, एलएल वेंकटेश्वर व एक कर्मचारी ज्योत्सना ने विडियों कॉल के माध्यम से अपना बयान दर्ज करवाया।
प्रकरण सुनवाई करने के दौरान किरणमयी नायक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए कहा कोई भी अधिकारी किसी भी महिला कर्मचारी व स्थानीय आदिवासियों के विरूद्ध व्यक्तिगत टीका-टीप्पणी का अधिकार नही रखता। इस तरह के अभद्र भाषा महिलाओं व आदिवासियों के विरूद्ध बर्दाश्त नहीं कि जाएगी।
प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर रखते हुए अनावेदक के नियोक्ता सीईओ जिला पंचायत का प्रतिवेदन आवश्यक है, सीईओ जिला पंचायत से विस्तृत प्रतिवेदन प्राप्त करने के पश्चात प्रतिवेदन के आधार पर निर्णय पर विचार किया जाएगा। निर्णय की जानकारी जिला कलेक्टर को उपलब्ध कराते हुए पक्षकारों को सूचना दी जायेगी। इस दौरान राज्य महिला आयोग के सदस्य सहित जिले के सभी अनुभाग के एसडीएम व एसडीओपी, जिला महिला बाल विकास अधिकारी उपस्थित थे।