इस IPL टीम के मालिक ने तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाया करोड़ों का सोना, कीमत जान हो जाएंगे हैरान

इस IPL टीम के मालिक ने तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ाया करोड़ों का सोना, कीमत जान हो जाएंगे हैरान

May 17, 2025 Off By NN Express

नेशनल डेस्क,17 मई 2025 : दान को इस कलियुग में एक बहुत ही महत्तवपूर्ण स्थान दिया गया है। दान करने से न सिर्फ धार्मिक आस्था प्रकट होती है, बल्कि यह समाज में भी एक सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है। लोग अक्सर मंदिरों में या विशेष अवसरों पर दान करते हैं, और जब यह दान बहुत बड़ा या ऐतिहासिक होता है, तो वह समाज में चर्चा का विषय बन जाता है। अब बात करते हैं संजीव गोयनका की, जो लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के मालिक हैं और हाल ही में उन्होंने भगवान वेंकटेश्वर के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा का एक अद्भुत उदाहरण पेश किया। बता दें कि इन्होंने 3.63 करोड़ रुपये मूल्य के स्वर्ण आभूषण दान किए हैं। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

3.63 करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषण दान

आपको बता दें कि संजीव गोयनका ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में 3.63 करोड़ रुपये मूल्य के स्वर्ण आभूषण दान किए हैं। ये आभूषण लगभग 5.2 किलोग्राम वजन के हैं और इसमें हीरे और रत्न भी जड़े हुए हैं। इस भव्य दान को लेकर मंदिर परिसर में काफी चर्चा हो रही है, और यह उन श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा बन गया है, जो आस्था और विश्वास के साथ अपने भगवान के प्रति अपना प्रेम व्यक्त करते हैं।

भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक…

दरअसल, भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर तिरुमाला, आंध्र प्रदेश में स्थित है और यह भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार वेंकटेश्वर को समर्पित है। मंदिर में लाखों भक्त हर साल अपनी श्रद्धा अर्पित करने आते हैं और कई तरह से दान करते हैं। ऐसे में जब किसी बड़े व्यापारी या उद्योगपति द्वारा इतने बड़े दान की घोषणा होती है, तो वह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह समाज में एक सशक्त संदेश भी देता है कि धन और समृद्धि के साथ-साथ हमें अपनी आस्था और धर्म के प्रति भी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

संजीव गोयनका का यह कदम

बता दें कि संजीव गोयनका का यह कदम न केवल उनके धर्म के प्रति आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि व्यक्ति की सफलता और समृद्धि तब और भी मूल्यवान हो जाती है जब वह अपने सामर्थ्य के अनुसार समाज और धर्म के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाता है। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सिर्फ अपने व्यवसाय के क्षेत्र में सफलता हासिल नहीं की, बल्कि अपने धार्मिक और समाजिक दायित्वों को भी पूरी श्रद्धा और निष्ठा से निभाया है। यह दान एक प्रेरणा बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अपने व्यवसाय और जीवन में कुछ खास हासिल करने के बाद, अपनी सफलता का कुछ हिस्सा समाज में वापस लौटाना चाहते हैं।

इस तरह के उदाहरण हमें यह सिखाते हैं कि असली श्रद्धा सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं होती, बल्कि जीवन में अच्छे कर्मों और दान के माध्यम से भी भगवान के प्रति आस्था को व्यक्त किया जा सकता है। संजीव गोयनका का यह कदम साबित करता है कि दान न केवल एक धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह समाज में अच्छाई और सुख-शांति फैलाने का एक प्रभावी तरीका भी है।